(www.arya-tv.com) सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की तीन दिनी बैठक सोमवार को मेघालय में संपन्न हुई। इसमें बांग्लादेश में शरण लेने वाले भारतीय विद्रोहियों के समूहों (आईआईजी) के खिलाफ कार्रवाई व सीमा सुरक्षा समेत तमाम मसलों पर मंथन हुआ।
बीएसएफ व बीजीबी ने सीमा समस्याओं को लेकर एक दूसरे के दृष्टिकोण को सकारात्मक ढंग से समझने और खुले दिमाग से विचार पर सहमति जताई। इसके साथ ही सीमा पार अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई योग्य खुफिया सूचनाएं साझा करने और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांतिपूर्ण माहौल कायम रखने पर भी रजामंदी दी।
बैठक में भारतीय विद्रोहियों की आवाजाही, मानव तस्करी, ड्रग्स, नकली करंसी, हथियारों की तस्करी जैसे दोनों सीमा सुरक्षा बलों की चिंताओं से जुड़े कई मसलों पर विचार हुआ।बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि बैठक में सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए अधिक सहयोग, समझ और तालमेल की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
यह बैठक मेघालय, गुवाहाटी, सिलचर, त्रिपुरा के बीएसएफ आईजी और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के क्षेत्रीय कमांडरों के बीच शिलांग में 27 से 29 नवंबर तक हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महानिरीक्षक त्रिपुरा फ्रंटियर सुशांत कुमार नाथ के साथ आईजी मेघालय ने किया जबकि बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तनवीर गनी चौधरी अतिरिक्त महानिदेशक ने किया।
बीएसएफ ने मुख्य रूप से बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा उसके जवानों पर व निहत्थे भारतीयों पर हमलों का मुद्दा उठाया। सीमा सुरक्षा बल ने कहा कि उसके जवान अधिकतम संयम बरत रहे हैं। बहुत जरूरी होने पर आत्म रक्षा में गोली चलाई जाती है। बीएसएफ ने बांग्लादेश में विद्रोहियों के छिपने के ठिकानों व वहां के उन अपराधियों का ब्योरा पड़ोसी देश के अधिकारियों को दिया, जो कि बीएसएफ व नागरिकों पर हमले करते हैं।
बीएसएफ के आईजी ने बीजीबी के रीजन कमांडर से कहा कि वे अपने देश के नागरिकों का भारत में घुसपैठ, सीमा पार अपराध रोकें व विद्रोहियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। विद्रोहियों के कैंप अब भी बांग्लादेश में चल रहे हैं।