(www.arya-tv.com) कलावरी क्लास की 5वीं पनडुब्बी वगीर सोमवार सुबह नौसेना में शामिल हो गई। इसे सैंड शार्क भा कहा जाता है। नौसेना के अध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार ने मुंबई के नेवल डॉकयॉर्ड पर वगीर को कमीशंड किया। पानी के भीतर वगीर की रफ्तार 40 किलोमीटर/घंटा है और पानी के ऊपर इसकी रफ्तार 20 किलोमीटर/घंटा है।
एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा- वगीर 24 महीने की अवधि में नौसेना में शामिल होने वाली तीसरी सबमरीन है। ये कॉम्प्लेक्स के निर्माण में हमारे शिपयार्ड की स्पेशलाइजेशन का भी एक शानदार सबूत है। मैं सबको उनकी कड़ी मेहनत और सराहनीय प्रयास के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
पहले मिल चुकी हैं 4 सबमरीन
नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि पनडुब्बी से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। प्रोजेक्ट-75 के तहत यह पांचवी कलवरी क्लास पनडुब्बी है। प्रोजेक्ट-75 के तहत स्कॉर्पीन डिजाइन की कुल 6 स्वदेशी पनडुब्बियां बनाई जानी हैं।
इससे पहले कलवारी, खंडेरी, करंज और वेला चार सबमरीन को नौसेना में शामिल कर लिया गया है। इनका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई में मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से हुआ। दोनों कंपनियों के बीच 6 सबमरीन तैयार करने लिए 2005 में करार हुआ था।साइलेंट किलर है वगीर वगीर का नाम सैंड फिश की एक प्रजाति पर रखा गया है, जो इंडियन ओशन की एक घातक समुद्री शिकारी है। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। वगीर को 12 नवंबर 2020 को लांच किया गया था। एक फरवरी 2022 से वगीर ने समुद्री ट्रायल्स शुरू किए। इसने दूसरी पनडुब्बियों के मुकाबले सबसे कम समय में हथियार और सेंसर के प्रमुख ट्रायल्स पूरे कर लिए।
वगीर की खासियत
सबमरीन एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाना, माइन बिछाने और एरिया सर्विलांस का काम कर सकती हैं। वगीर 221 फीट लंबी है और 21 मीटर ऊंची है। पनडुब्बी पानी के ऊपर 20 किलोमीटर प्रति घंटे और पानी के अंदर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की क्षमता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबमरीन में 16 टोरपेडोस, माइंस, मिसाइल लैस हैं।