महिला अपर नगर आयुक्त से अभद्रता, कार्रवाई दबाने के लिए आरोपों का षड़यंत्र

Lucknow
  • महिला अपर नगर आयुक्त से अभद्रता,कार्रवाई दबाने के लिए आरोपो का षड़यंत्र

(www.arya-tv.com)लखनऊ। नगर निगम में यह कोई पहला मामला नहीं कि जिसमें नगर निगम की टीम को बिना कार्रवाई वापस लौटना पड़ा हो,ऐसा कई बार हुआ है। पर इस बार मामला कुछ ज्यादा ही पेंचीदा हो गया। इसका कारण वहां के पूर्व पार्षद अमित सोनकर बताये जा रहे हैं। जैसे ही नगर निगम के दस्ते ने वहां पर लगे अतिक्रमण को हटाने की तैयारी की वैसे ही पूर्व में प्लान के तहत पूर्व पार्षद के इसारे पर लोग नगर निगम की टीम पर टूट पड़े, लगा कि जान बचाना भी मुश्किल होगा। पर किसी तरह वहां से बिना कार्रवाई के टीम को लौटना पड़ा। पूर्व पार्षद की ऐसी प्लानिंग से नगर निगम को बिना अ​तिक्रमण हटाये ही लौटना पड़ा। वहां उपस्थित कुछ लोगों ने जो फोटो खींची है उन फोटो में साफ दिख रहा है कि कैसे पूर्व पार्षद महिला अपर नगर आयुक्त पर मारने के लिए आक्रमक हो रहे हैं। जबकि महिला अपर नगर आयुक्त के साथ विभाग की अन्य दो महिलांए भी वहीं थी। जैसे तैसे उनको भी अपनी जान बचाकर वहां से हटना पड़ा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या आज की स्थित में भी लखनऊ में महिलांए सुरक्षित नहीं हैं चाहे वह अधिकारी हो या घरेलू।

  • नगर आयुक्त के आने के बाद माहौल बदला

जब से अजय कुमार द्विवेदी नगर आयुक्त बने हैं तब से वह शहर को लगातार अतिक्रमण मुक्त और स्वच्छ बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं, वार्डों में प्रतिदिन नगर निगम की टीम द्वारा दौरा किया जा रहा है अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। ऐसे में क्षेत्र की राजनीति करने वाले नेता अपने समर्थकों के चक्कर में नगर निगम के कार्य में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

  • भाजपा से जुड़े हैं पूर्व पार्षद

पूर्व पार्षद भाजपा से जुड़े हैं ऐसे में मामला दब भी सकता है। क्योंकि जब मेयर डॉ.दिनेश शर्मा हुआ करते थे तो कई पार्षद उनके घर पर बैठकी करते थे आज वही सत्ता की हनक दिखा कर अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सत्ता की हनक के आगे अधिकारियों की चल पायेगी की नहीं।

  • पूर्व पार्षद व अन्य अज्ञात खिलाफ एफ.आई.आर.

​नगर निगम की ओर से पूर्व पार्षद अमित सोनकर व अन्य के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और महिलाओं से अभद्रता करने की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अब देखना है कि क्या कार्रवाई होती है।

  • मामला दबाने के लिए एससी-एसटी आयोग में शिकायत

मामले को जातीय रंग देने के लिए मामले की झूठी शिकायत आयोग में की गई है अब देखना है कि आयोग इस मामले पर झूठी शिकायत करने वालों के पक्ष में खड़ा होता है या नगर निगम के खिलाफ।