टीकाकरण एवं प्रसवों के डिजिटलाईजेशन हेतु यू-विन के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ

Lucknow
  • टीकाकरण एवं प्रसवों के डिजिटलाईजेशन हेतु यू-विन के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का होटल पिकेडिली, लखनऊ में शुभारम्भ ।
  • 0 से 6 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती माताओं के टीकाकरण का डिजिटलाइजेशन-डिजिटल भारत की ओर उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण कदम
  • यू-विन आनलाईन प्लेटफार्म कोविन प्लेटफार्म की तरह विकसित किया गया है।
  • यू-विन पर 0-6 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती माताओं को लगाऐ गए टीकों की आनलाईन की टैगिंग की जाएगी, साथ ही हुए प्रसवों का विवरण भी दर्ज होगा।
  • लाभार्थी को टीकाकरण का डिजीटल प्रमाण पत्र भी प्राप्त होगा।
  • जिस तरह कोविन में आनलाईन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध थी, उसी तरह बच्चों के टीकाकरण के लिए आनलाईन टीकाकरण केन्द्रों की जानकारी प्राप्त होगी तथा लाभार्थी स्वयं बुकिंग करा सकेंगे।
  • यू-विन प्लेटफार्म को पूर्व से प्रचलित ई-विन, कोविन एवं आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन से लिंक किया गया है।
  • कोविड टीकाकरण की तरह यू-विन पर पंजीकरण होने के पश्चात् भारत में कहीं भी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा सकेगा।

नियमित टीकारकण कार्यक्रम के सेवाओं के डिजीटलाइजेशन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण भारत सरकार द्वारा यूएनडीपी के सहयोग से यू-विन आनलाईन प्लेटफार्म की शुरूआत की गई है। इस सम्बन्ध में राज्य स्तर पर लखनऊ में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन होटल पिकेडिली, लखनऊ में किया गया। जिसमें जनपद स्तरीय प्रशिक्षणार्थियों को प्रदेश में यू-विन क्रियान्वयन से सम्बन्धित प्रशिक्षण एवं दिशा-निर्देश प्रदान किये गये।

 पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव, चि0स्वा0 एवं प0क0 महोदय द्वारा आज के दिन को एतिहासिक बताते हुए सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों को शीघ्र ही जनपद में यू-विन के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि यू-विन के माध्यम से वैक्सीन सत्रों की प्लानिंग लाभार्थी का पंजीकरण एवं उन्हें लगाये गए टीके के जानकारी रियल टाइम में अपडेट किया जाना है। यू-विन आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन, इलेक्ट्रनिक वैक्सीन इन्टेलिजेन्स नेटवर्क ई-विन तथा कोविन से लिंक है।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डा0 पिंकी जोवल, मिशन निदेशक, एन0एच0एम0 द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम एवं कोविड टीकाकरण के प्रबन्धन में ई-विन एवं कोविन की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए भारत सरकार द्वारा यू-विन डिजीटल प्लेटफार्म तैयार किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य शत-प्रतिशत टीकाकरण में लाभार्थी अनुसार सूचना एवं देय टीकों की रियल टाईम की स्थिति प्राप्त करना है। इसको इतने कम समय में पूरे प्रदेश में क्रियान्वित करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर जनपद एवं ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे एवं 10 मार्च, 2024 तक पूरे प्रदेश में पोर्टल को क्रियान्वित किये जाने की योजना है।

डा0 शैलेश कुमार श्रीवास्तव, महानिदेशक परिवार कल्याण द्वारा बताया गया कि प्रतिवर्ष प्रदेश में लगभग 50 लाख बच्चे जन्म लेते हैं एवं नियत तिथि के अनुसार टीकाकरण किया जाता है। इस हेतु यू-विन प्लेटफार्म लाभार्थी की ट्रैंकिंग एवं ड्यू लिस्ट के अनुसार टीकाकरण से आच्छादित करना आसान होगा। इसके अलावा यू-विन का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री जी के महात्वाकांक्षी डिजीटल भारत की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यशाला में यूएनडीपी के सीनियर नेशनल प्रोजेक्ट आॅफिसर, डा0 पंकज सोमानी तथा डा0 सोनिका बदालिया, एसपीओ, उत्तर प्रदेश द्वारा अवगत कराया गया कि यूविन के माध्यम से प्रदेश में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत टीकाकरण सत्रों, निजी एवं राजकीय चिकित्सालयों में गर्भवती महिलाओं तथा 0 से 5 वर्ष तक के टीकाकरण सम्बन्धी सेवाओं, प्रसव केन्द्रों पर हुए जन्म एवं बर्थ डोज से सम्बन्धित सूचनाओं को लाभार्थीनुसार प्रविष्टि किया जाना है। लाभार्थी कोविड टीकाकरण की तरह लाभार्थी यू-विन पर पंजीकरण होने के पश्चात् भारत में कहीं भी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा सकेगा।

कार्यशाला में अपर निदेशक, यू0आई0पी0, डा0 संदीपा श्रीवास्तवा द्वारा प्रतिभागियों को कम समय में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यशाला में राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अजय गुप्ता एवं महाप्रबन्धक नियमित टीकाकरण, डा0 मनोज कुमार शुक्ल द्वारा जनपद स्तर से आये प्रतिभागियों को सम्बोधित किया गया। प्रशिक्षण में नेशनल प्रोजेक्ट आफिसर आई0ई0टी0  गिरीश दवे एवं  सतीश कुमार प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला का आयोजन यूएनडीपी के सहयोग से किया गया। कार्यशाला में यूएनडीपी के सभी प्रोजेक्ट आफिसर सहित डब्ल्यू0एच0ओ0, यूनीसेफ, जे0एस0आई0, डब्ल्यू0जे0सी0एफ0 एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया