धारावाहिक ‘भाभी जी घर पर है’, में जानिए किस प्रकार के किरदार है सक्सेना साहब

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(www.arya-tv.com) भाभी जी घर पर है, आज के समय मे एंड टीवी पर आने वाला एक बहुत ही लोक प्रचलीत टीवी धारावाहिक है जो 2 मार्च 2015 को ऑन एयर हुआ था। आज अपने साढ़े 5 साल के इतिहास में इस धारावाहिक ने काफी नाम और अपने दर्शकों का प्यार कमाया है। इस टीवी सीरियल में सभी कलाकार अपने पात्र को बहुत अच्छे से निभाते है।

ऐसा लगता है मानो ये सभी पात्र इन्ही कलाकारो के लिए लिखे गए है। चाहे वो तिवारी का पात्र हो या भभूति जी का पात्र हो दोनों अपने किरदार को बखूभी निभाते है, इसके साथ साथ सहायक पात्र दरोगा हप्पू सिंह की अपनी 1 अलग ही छाप दिलो पर छोड़ी है। यहां तक कि इस पात्र की प्रसिद्धि को देखते हुए “हप्पू की उलटन पलटन” नाम से एक नया धारावाहिक ऑन एयर किया गया।

इसी में 1 किरदार को और पसंद किया गया जो है सक्सेना का किरदार शॉ में अभी तक सक्सेना का पूरा नाम नही बताया गया है और सब उन्हें ‘ सक्सेना जी’ और सक्सेना साहब कह के बुलाते है। इस किरदार को पर्दे पर जीवंत और प्रसिद्ध करने वाले कलाकार का नाम है सानंद वर्मा है।

सानंद वर्मा इस धारावाहिक में सक्सेना जी का किरदार निभाते है जो कि मुख्यतः एक पागल का किरदार है जिसे चाटे खाना और बिजली के झटके खाना बहुत पसंद है। लेकिन इस किरदार को बहुत अच्छे से दिखाया गया है। इसमे भारतीय समाज की एक झलक को भी दिखाया है कि आम तौर पर किस प्रकार के लोग हमारे आस पास रहते है और सभ्य समाज की एक असली तस्वीर को भी दिखाती है। इसमें सही और गलत की पहचान को भी दिखाया गया है।

आम तौर पर आम आदमी जैसे औरतो पर गलत नज़र डालते है और हमेशा अपने शब्दों से रिझाने की कोशिश करते रहते है वही सक्सेना का किरदार एक साफ दिल का इंसान है और वो अपने भाभियो को माँ समान मानता है और साथ मे पूरा सम्मान भी देता है।

सक्सेना भले पागलो वाली हरकतों को करता है पर किसी की मदद करने से कभी पीछे नही हटता और और 3 किरदार जो कि टिका, मलखान और …………. हमेशा सही रास्ता दिखाता है और जरूरत पड़ने पर मारता भी है जिससे धारावाहिक का जायका बना रहता है।

सक्सेना मनमोहन तिवारी और विभूति नारायण मिश्रा दोनों की नीयत और मासूमों को अच्छे से जानता है और समय समय पर चेतावनी भी सबको देता है। चाहे वो उसकी माँ समान भाभी अंगूरी हो या फिर अनीता या फिर इन दोनों के पति अपने अंदाज में ये इन्हें समझाता है, चेतावनी देता है और समय पड़ने पर दोनों को सबक भी सिखाता है।

इस तरह से हम समझ सकते है कि सक्सेना एक साफ दिल किरदार है और इंसानियत की कद्र करना जानता है। आम तौर पर लोग ऐसा होने का दावा और दिखावा दोनों करते है परंतु विभूति और मनमोहन तिवारी की तरह हमेशा लड़कियों को अपनी पसंद के हिसाब से भीतर ही भीतर गंदी नज़र से देखते है और बस पाना चाहते है परन्तु सक्सेना इन सभी चीज़ों से अलग एक अच्छा इंसान है जो कि समाज की बुराइयों से काफी दूर है।

लोग दावा करते है सक्सेना बनने का पर लालच, गंदी नियत और हवस आम इंसानों के अंदर होती है। इस धारावाहिक में शायद लोगो ने ध्यान नही दिया है परंतु सक्सेना को सिंगल दिखाया गया है जिसका भी एक मतलब है।

आम तौर पर हम अपने समाज मे देख ले चाहे वो लड़का हो या लड़की अगर वो साफ दिल का है तो उसे अक्सर धोखा मिलता है और कुछ लोग जुनून में आकर बहुत कुछ करते है। सक्सेना ने समझदार और सत्य को स्वीकार करने वाला भी दिखाया गया है, क्योंकि वो साफ दिल का है और उसे किसी से गिला शिकवा नही है।

सक्सेना पागल क्यों है और कैसे हुआ इसकी कहानी कभी नही बताई गई है। पर इस किरदार को देखकर कुछ ऐसा हुआ होगा ऐसा प्रतीत होता है की कोई अंदर की जंग ने ही उसे पागल बनाया है।

लेकिन यही इस धारावाहिक की अच्छी बात है, साथ मे लोगो को हँसाना भी है तो इसकी कहानी को कभी विस्तार से नही दिखाया गया क्योंकि जनता को हंसाना है। हप्पू के किरदार को महत्व इसलिए मिला क्योंकि उसकी 9 बच्चे और उसकी बीवी उसके बाद भी गर्भ से है, लेकिन सक्सेना की कोई पिछली कहानी को नही दिखाया गया है।

इस तरह हम कह सकते है कि सक्सेना एक साफ दिल का नेक बंदा है जो कभी किसी उसके भीतर के जंग ने उसे पागल बनाया है। आज लोगो की विभूति नारायण मिश्रा और मनमोहन तिवारी जैसा सभ्यता का दिखवा करने वाला नही अपितु सच मे साफ दिल वाला इंसान बनने की जरूरत है। (Ankes Kumar)