महाभारत धारावाहि‍क का संवाद रचकर साहित्‍य की दुनिया में हो गए अमर

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(www.arya-tv.com) पूर्वांचल की माटी साहित्‍य से इतनी समृद्ध है कि उस कलम ने कभी धर्मों की दीवार को खड़ी नहीं होने दिया। इस कड़ी में डा. राही मासूम रजा का जिक्र न हो तो बात अधूरी सी लगती है। गाजीपुर जिले के गंगौली गांव में एक सितंबर 1925 को राही मासूम रजा का जन्‍म हुआ था। वहीं आज 15 मार्च 1992 को उनकी पुण्‍य तिथि है। नई पीढ़‍ियां शायद कम ही जानती होंगी कि ‘महाभारत’ धारावाहिक के संवाद राही मासूम रजा ने ही रची थी। उनकी अंतिम कृति ‘नीम का पेड़’ भी पूर्वांचल की सियासत को बखूबी बयान करती थी।

महाभारत से व्‍यापक पहचान :

हिंदू धर्मग्रंथों पर भी उनकी समान पकड़ थी। उन्होंने टीवी धारावाहिक महाभारत के संवाद खुद से रचे थे। टीवी धारावाहिक महाकाव्य ‘महाभारत’ पर आधारित रचा गया था। यह धारावाहिक देश के सबसे लोकप्रिय टीवी सीरियल में से एक था। इसकी टीआरपी का प्रतिशत अब तक सर्वाधिक रहा है। इसके अतिरिक्‍त भी उनकी नज्‍म, गजल आज भी लोगों की जुबां पर मौजूद रहती है। उनकी गजलों को गजल गायक जगजीत सिंह ने भी आवाज दी थी।