प्रयागराज में डेंगू और वायरल फीवर के मरीज बढ़ने से ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की किल्लत

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(www.arya-tv.com)  बदलते मौसम में डेंगू के साथ साथ वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है उनका प्लेटलेट्स कम होता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। इस समय ब्लड बैंकों में ब्लड के लिए नहीं बल्कि प्लेटलेट्स के लिए लंबी कतार लग रही है।

ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स चाहिए तो पहले रक्तदान करना होगा, इसके बाद उसी ब्लड से प्लेटलेट्स बनाकर तीमारदारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। एसआरएन, बेली और काल्विन ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में अभी 97 यूनिट प्लेटलेट्स हैं।

“इसलिए डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की होती है जरूरत”

मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल के फिजीशियन डॉ. केके मिश्रा बताते हैं कि प्लेटलेट्स ब्लड का ही एक मुख्य हिस्सा होता है। इसका काम शरीर में ब्लड को नियंत्रित रखना है। डेंगू बोन मैरो को दबा देता है। बोन मैरो प्लेटलेट्स बनाने वाला एरिया है। जब यह दब जाता है, तो इस स्थिति में प्लेटलेट्स की संख्या गिरने लगते हैं। इस स्थिति में संक्रमित प्लेटलेट कोशिकाएं सामान्य प्लेटलेट्स को नष्ट करने लगते हैं। जब डेंगू में प्लेटलेट्स और रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम होती है, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है और मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है।

100 के करीब पहुंची मरीजों की संख्या

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आनंद सिंह ने बताया कि डेंगू मरीजों की संख्या अब तक 100 के करीब पहुंच चुकी है। अभी अगले महीने अक्तूबर तक मरीजों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी। गांवों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में डेंगू मरीजों की संख्या ज्यादा मिल रही है। लगभग 25 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। ऐसे मरीजों को भी हम डेंगू वार्ड में ही रखकर इलाज करते हैं जो वायरल फीवर से पीड़ित होते हैं। इन मरीजों के लिए जनपद में 200 बेड रिजर्व हैं जिसमें 100 बेड सीएचसी पर और 100 बेड शहर के अस्पतालों में हैं।

प्लेटलेट्स की उपलब्ध के बारे में डॉ. आनंद सिंह ने कहा कि प्लेटलेट्स कुछ ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स नहीं हैं। वहां तीमारदार से ब्लड लेकर प्लेटलेट बनाकर उपलब्ध कराया जाता है