नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण कैसे करें!

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आर्य टीवी अपने प्रिय दर्शकों के लिए प्रतिदिन एक ऐसी स्पेशल स्टोरी पेश करने की कोशिश करता है जिससे वर्तमान में कोरोना का भय दिल दिमाग से दूर हो सके इसी कड़ी में एक दिन पहले हमने गलत विचारों से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तृत चर्चा की थी पर आज आर्य प्रवाह टीवी इन्हीं गलत विचार या नकारात्मक विचारों पर हम कैसे नियंत्रण करें और आगे कैसे बढ़े इस पर विस्तार से अपनी चर्चा करने के लिए हमारे विशेष संवाददाता विशाल सक्सेना आपके सामने अपने कुछ ​विचारों को साझा करेंगे जिससे हम जीवन में इन्हें समझ कर आगे की दिशा तय कर सकें।

नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण कैसे करें!

(www.arya-tv.com)दोस्तों, कल का लेख “गलत विचार ही विनाश का कारण” की कवर स्टोरी का दूसरा भाग हम आपके लिए लाए है, इसको समझना आपके लिए बहुत जरुरी है। इसको पढ़ने के बादः हम निश्चित रूप से कह सकते है कि आप अपने अंदर एक बड़ा बदलाव देखेगे। आज का विषय है: How to deal with the bad memories of your mind अर्थात अगर बुरी घटनायें आपको विचलित कर रही है तो उस पर नियंत्रण कैसे पाये। इसको जानने के लिए आपको जानना पड़ेगा कि हमारा दिमाग कैसे काम करता है और उसका function क्या है। आईये शुरू करते है:

Function of eyes: Seeing.

Function of mind: Store, Present and Analyzise the thoughts.

  • अगर आँख कुछ देखती है तो ब्रेन पर कोई असर नहीं पड़ता उसके अपने कामों के करने के तरीके पर, और अगर ब्रेन अपने स्टोर किये हुए विचारों को व्यक्त करता है तब आँख को कोई फर्क नहीं पड़ता। सब अपना-अपना काम कर रहे है।
  • जब आप बुरी memories को हटाने की कोशिश करते है तो नहीं कर पाते और अच्छी memories को तो कोई हटाना ही नहीं चाहता, इसका मतलब है कि आपका ब्रेन बिलकुल ठीक काम कर रहा है कोई गड़बड़ नहीं है क्योंकि यही उसका function है और उन memories से ब्रेन के अपने ऊपर कोई असर नहीं पड़ता और bad memories के चलते हम उलझ जाते है।

और यही वजह है कि हम बाहरी चीजों का सहारा लेते है अंदर की चीजों से निबटने के लिए, जैसे बाहरी चीजों से निबटने के लिए हम action लेते है, इसी प्रकार से हम भी अपने अंदर एक्शन लेने लगते है, जैसे bad memories को भूलने की कोशिश करना या उन पर react करना, पर यह सब करने की कोई जरूरत ही नहीं होती है। उद्धरणत, एक्शन के तौर पर कई लोग मेडिसिन खाना भी शुरू कर देते है और लोग कई शराब पीना। यह तरीका ही गलत है और ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

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सिर्फ समझ की जरुरत है और समझने की जरुरत यह है कि यह उनका काम है वो सिर्फ अपना काम कर रहे है, अगर वो यह नहीं करेंगे that means कि ब्रेन ख़राब है। क्योंकि हमारी मेमोरी में delete बटन का कोई function नहीं होता है, इसलिए हमें अपने ब्रेन को अपनी ही समझ से ही कण्ट्रोल करना होता है। एक research के अनुसार ब्रेन 3 दिनों में 5% और 3 महीनो में 80% बातें भूल जाता है अगर उन बातों को दौराहया न जाये तो, इसलिए कहा जाता है कि बार बार revision करिये चीज़ों को याद रखने के लिए, यह ही प्रकृति का नियम है। हमने अपने पिछले लेख में sub- conscious mind कर बात करी थी। वो बाते जिनका हमारे दिमाग पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है सिर्फ वो बातें हमारे sub-conscious mind में बैठ जाती है जिनको हम आसानी से नहीं भूल पाते।

  • सिर्फ सजह तरीके से समझ लीजिये, कि ब्रेन अपना काम ठीक कर रहा है, जिस तरह आँख और ब्रेन एक दूसरे के कामो में बाधा नहीं डालते वैसे आप को भी ब्रेन के कामो में बाधा नहीं डालनी चाहिए। सिर्फ समझ के रूप में ही स्टोर करना चाहिए। अब आप दूसरी तरह से समझये कि आँख, ब्रेन, बुरी घटनाये और आप यह चारो अलग अलग identity है, अब आप जैसा कमांड देंगे वैसे ही चीज़े चलेगी।
  • उदहारण के तौर पर, अगर आप भूत को मानते है जैसा की अक्सर फिल्मो में दिखाया जाता है तो फिर भूत आपको दिखाई भी देगा और हो सकता है उसका असर भी आप पर हो जाये, लकिन जब आप भूत को मानते ही नहीं है या आपके मन में उसकी कोई identity ही नहीं है तो फिर न तो वो आपको दिखाई देगा और न सुनाई देगा।

आप जैसा सोचते है वैसा ही आपको दिखायी देता है, अब जरुरत है सिर्फ पॉजिटिव बातों को सोचने की तभी हम उनको अपने जीवन में परिवर्तित कर पाएंगे। और इसी से ही हम अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला पाएंगे।

जल्द ही आपसे फिर मुलाकात होगी एक नयी कवर स्टोरी के साथ।

धन्यवाद आपका दोस्त विशाल सक्सेना अपने विचार aryatvup@gmail.com पर साझा करें।

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