गोरखपुर के 18 थानों को पब्लिक ने खराब बताया:10 थानों की तारीफ की,

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(www.arya-tv.com) गोरखपुर पुलिस को अपना रवैया पब्लिक के लिए अच्छा करने में नाकाम है। यही वजह है कि तमाम कोशिशों के बाद भी गोरखपुर के 28 थानों में 18 थाने पब्लिक को नापसंद हैं। ऐसे में अब इन थानों पर तैनात थानेदारों को मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।

क्योंकि अब उनकी थानेदारी पब्लिक के वोट पर ही टिकी है। ADG अखिल कुमार ने भी यह साफ कह दिया है कि पब्लिक अप्रूवल रेटिंग कम होने पर थानेदारों पर गाज गिरनी तय है।

अगस्त महीने का फीडबैक जानने के लिए 11 से 17 सितंबर तक पब्लिक पोल कराया गया। मंगलवार को गोरखपुर के 28 थानों का ट्वीटर पोल जारी हो गया। जिसमें 18 थानों को पब्लिक ने खराब ऑप्शन पर वोट देकर नापसंद बताया है। वहीं, जुलाई महीने में पहली रैंक पर रहने वाले कैंट थाने की लोकप्रियता का ग्राफ एक बार फिर तेजी से बढ़ा है।

पब्लिक की नजर में 18 थाने ठीक नहीं
ट्वीटर पर पोल करने के लिए पब्लिक को चार ऑप्शन अति उत्तम, उत्तम, साधारण और खराब में से एक पर वोट करना होता है। अगस्त में 18 थाने के लिए सबसे अधिक पब्लिक ने लास्ट ऑप्शन को चुना है। ट्वीटर पर पोल के बाद अब देखना यह है कि लगातार पोल कराकर फीडबैक लेने वाले अधिकारी इन थानों पर तैनात मातहतों पर क्या कार्रवाई करते हैं?

यह बनाया गया है नियम
A
. जिन थानों की रैकिंग टॉप 5 में हो उनके थाना प्रभारी को प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
B. जिन थानों की रैकिंग बाटम 5 होगी, उनके थाना प्रभारी को रेटिंग्स बढ़ाने के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी।
C. भविष्य में प्रत्येक महीने के इंस्पेक्शन में यदि कोई थाना ओवर ऑल रैकिंग में लगातार दूसरे महीने भी बाटम 5 में आएगा, तो ऐसे थाना प्रभारी को चेतावनी दी जाएगी।
D. यदि चेतावनी के बाद भी किसी थाना प्रभारी की जनपदीय ओवरऑल रैकिंग लगातार तीसरे महीने भी बॉटम में आए तो ऐसे सभी थाना प्रभारियों को हटाया जाएगा।