फ्रांस: मुस्लिम लड़कियों को स्कूल में नहीं मिली एंट्री, अबाया न उतारने पर लौटाया घर

International

(www.arya-tvcom) फ्रांस के पब्लिक स्कूलों ने दर्जनों मुस्लिम लड़कियों को अबाया हटाने से इनकार करने पर घर वापस भेज दिया। अबाया मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की ओर से पहना जाने वाला एक लंबा और ढीला-ढाला वस्त्र होता है। स्कूली साल के पहले दिन यह सबकुछ हुआ है, जिसकी पुष्टि शिक्षा मंत्री गैबरियल अटल ने की है। अटल ने मंगलवार को बीएफएफ ब्रॉकास्टर को बताया कि धार्मिक प्रतीक के रूप में देखे जाने वाले परिधान पर प्रतिबंध को खारिज करते हुए लगभग 300 लड़कियां सोमवार को अबाया पहनकर आईं।

ज्यादातर लड़कियां इसे उतारने के लिए तैयार हो गईं। लेकिन 67 ने इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें घर लौटा दिया गया। सरकार ने पिछले महीने इसे धर्मनिरपेक्षता के नियमों के खिलाफ बताते हुए अबाया पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले हिजाब पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जिसमें कहा गया था कि यह धर्म का प्रदर्शन है। लड़कियों को वापस लौटाने के कदम से दक्षिणपंथी ग्रुपों में खुशी देखी गई, लेकिन कट्टर वामपंथियों ने तर्क दिया कि यह स्वतंत्रता का अपमान है।

धार्मिक प्रतीकों पर लगा है प्रतिबंध

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबित अटल ने इस तरह के कपड़े को एक धार्मिक प्रतीक माना जो फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन करता है। 2004 से फ्रांस में स्कूलों में हेडस्कार्फ, किप्पा, क्रॉस सहित धार्मिक संकेतों और प्रतीकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा मंत्री गेब्रियल अटल का कहना है कि किसी को भी कक्षा में ऐसा कुछ भी पहन कर नहीं आना चाहिए जिससे पता चले कि उनका धर्म क्या है। अटल ने मंगलवार को कहा, ‘जिन लड़कियों ने सोमवार को प्रवेश से इनकार कर दिया था, उन्हें उनके परिवार को संबोधित एक पत्र लिखा गया था।’

मैक्रों ने भी किया फैसले का बचाव

इस पत्र में लिखा गया था कि धर्मनिरपेक्षता कोई बाधा नहीं बल्कि एक स्वतंत्रता है। मंत्री ने आगे कहा कि अगर वे फिर से गाउन पहनकर स्कूल में आईं तो फिर नई बात होगी। सोमवार की शाम को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘फ्रांस में एक अल्पसंख्यक है, जो एक धर्म का अपहरण करता है और गणतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को चुनौती देता है।’ उन्होंने कहा कि इसके सबसे बुरे परिणाम होते हैं, जैसा तीन साल पहले शिक्षक सैमुएल पैटी की हत्या कर दी गई थी।