डॉ.राजेश्वर​ सिंह विधायक सरोजनीनगर ने विधानसभा में रोजगार के अवसरों पर चर्चा की

Lucknow
  • यूपी विधानसभा में पहली बार बोले सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह- मेरे लिए यह क्षण अत्यंत गौरवपूर्ण है
  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने राज्यपाल के अभिभाषण में कही गई 5 प्रमुख नीतियों पर सदन का ध्यान किया आकर्षित
  • सीएम योगी पदचिन्हों पर चलने वाले और इतिहास दोहराने वाले नहीं है बल्कि इतिहास गढ़ने वाले हैं : डॉ. राजेश्वर सिंह
  • राज्यपाल के अभिभाषण के समर्थन में विधानसभा में बोले डॉ. राजेश्वर सिंह— आधारभूत संरचना की सुदृढ़ता से यूपी का हो रहा चंहुमुखी विकास
  • डॉ. राजेश्वर सिंह की विपक्ष को सलाह— जातिगत, धार्मिक, नकारात्मक राजनीति न करें, वरना आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेगी

(www.arya-tv.com)लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बजट सत्र के पांचवे दिन सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने राज्यपाल के अभिभाषण का पूर्ण समर्थन करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पहली बार इस ऐतिहासिक सदन में अपनी बात रखने का अवसर मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम योगी जी पदचिन्हों पर चलने वाले और इतिहास को दोहराने वाले नेता नहीं है बल्कि पदचिन्ह बनाने वाले और इतिहास को गढ़ने वाले नेता है, आपने देश/दुनिया को सुशासन, विकास और अंत्योदय के मायने दिखा रहे हैं।

बजट की पांच प्रमुख नीतियों पर सदन का ध्यान केंद्रित करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि ये पांचों नीतियां दूरदर्शी हैं जोकि नौजवानों को रोजगार देंगी और किसानों की आय को दोगुना करेंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, जैव ऊर्जा नीति, कपड़ा और परिधान नीति, पर्यटन नीति व दुग्ध नीति से सदन को अवगत कराया।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि इसमें दो नीतियां ऊर्जा से संबंधित हैं। ‘उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति’ व ‘उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति’, ऊर्जा विकास की सबसे प्रमुख कड़ी हैं। इससे 22 हजार MW विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। सोलर पार्क व सोलर रूफटॉप प्रोजक्ट के माध्यम से 30,000 युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे रोजगार बढ़ेगा। बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए बजट आवंटित है। शहरों को सौर शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, स्टाम्प और बिजली शुल्क पर 100% छूट मिलेगी।उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी है।

उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश लगभग 100 करोड़ लीटर उत्पादन/ लगभग 55 करोड़ लीटर एथेनॉल राज्य के बाहर भेज रहा। पराली से, खराब फसल से, गन्ने से/ चावल से इथेनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। इससे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 40% एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को हासिल करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री (कपड़ा उद्योग) सबसे महत्वपूर्ण, प्राचीन, विकासशील और सफलतम उद्योग है। नोएडा व लखनऊ-हरदोई की सीमा पर परिधान और कपड़ा पार्क स्थापित किये जा रहे हैं ,आगे और भी स्थापित किये जाएंगे जिससे हम अपनी कपड़ा उत्पादन की क्षमता बढ़ा सकें। 

पर्यटन नीति पर सदन का ध्यान केंद्रित कराते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में पर्यटन नीति आई है जिससे आने वाले समय में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व लाभ होगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 16% योगदान है। यूपी इको टूरिज्म, कल्चरल एंड हेरिटेज टूरिज्म, रिलीजियस टूरिज्म का सबसे बड़ा राज्य है। 

डेयरी नीति पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि हमें गर्व है कि देश दुग्ध उत्पादन में नंबर 4 है और हमारा प्रदेश देश में नंबर एक है। उत्तर प्रदेश में पहली बार हमारी सरकार डेयरी नीति लेकर आई जिसके तहत नई दुग्ध उत्पादन इकाइयां/विनिर्माण इकाइयां/शीत वाहन श्रृंखला जैसे रेफ्रिजरेटर वैन/दूध द्रुतशीतन केंद्र इत्यादि में छूट और सब्सिडी दी जा रही है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज प्रदेश को रोड/एक्सप्रेस-वे, मेट्रो, इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयर कनेक्टिविटी में नंबर वन पर है है। प्रदेश ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस की राष्ट्रीय रैंकिंग में 14वें पायदान से दूसरे नंबर पर पहुंच गया है।

सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर डॉ. राजेश्वर सिंह कहा कि प्रदेश में गंभीर अपराधों जैसे हत्या, लूट, डकैती में, महित्राओं के प्रति अपराध में 80 से 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। लगभग 65 हजार अपराधियों को जेल भेजा गया, 8 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई या उनके कब्जे से मुक्त कराई गई, इसका परिणाम है की आज उत्तर प्रदेश देश का सबसे सुरक्षित राज्य है। एक शेर पढ़कर उन्होंने अपना संबोधन समाप्त किया कि ‘जब नफरत करते करते थक जाओ- तो एक मौका ईमान को भी दे देना।’

राजेश्वर सिंह के इस भाषण से उनकी क्षेत्र की जनता ने उनको धन्यवाद दिया है। साथ ही प्रदीप मिश्रा, निखिल त्रिपाठी, के.एन.सिंह, राम शंकर त्रिपाठी, सुनील कुमार शर्मा ने उसकी विश्वस्तरीय दृष्टिकोण की सराहना की है।