2025 तक डिजिटल स्किल्ड वाले कर्मचारियों की होगी भारी मांग

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(www.arya-tv.com)पूरी दुनिया में अगले 4-5 सालों में 3.9 अरब लोगों को डिजिटल स्किल की ट्रेनिंग देने की जरूरत होगी। भारत में 2025 तक डिजिटली स्किल्ड कर्मचारियों की जरूरत 9 गुना बढ़ जाएगी। भारत के एवरेज कर्मचारियों को 2025 तक टेक्नोलॉजी अपडेशन और इंडस्ट्री डिमांड के अनुसार सात नई डिजिटल स्किल्स सीखनी होंगी। यह जानकारी एक सर्वे में दी गई है।

रिसर्च रिपोर्ट में दी गई है जानकारी

अमेजन की कंपनी अमेजन वेब सर्विसेज इंक (AWS) की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय भारत में डिजिटल स्किल से लैस कर्मचारियों की संख्या कुल कर्मचारियों की तुलना में 13 पर्सेंट है। AWS की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल स्किल्स मैन्युफैक्चरिंग और एजुकेशन जैसे गैर टेक्निकल क्षेत्र के लिए जरूरी है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में क्लाउड आर्किटेक्ट डिजाइन और ओरिजिनल डिजिटल कंटेंट जैसे सॉफ्टवेयर और वेब एप्लिकेशन बनाने की क्षमता जैसी डिजिटल स्किल्स की 2025 तक काफी डिमांड होगी।

आगे ज्यादा स्किल्स की जरूरत होगी

मैन्युफैक्चरिंग के डिजिटल वर्कर्स का मानना है कि उन्हें आगे इन स्किल्स की जरूरत पड़ेगी। एजुकेशन सेक्टर में डिजिटल सिक्युरिटी को विकसित करने की क्षमता, साइबर फोरेंसिक टूल्स और तकनीक काफी अहम स्किल होंगी। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए यह सुनिश्चित करना भी जरूरी हो गया है कि स्कूल, टीचर और स्टूडेंट्स साइबर हमलों से निपटने में सक्षम बनें।

76 पर्सेंट डिजिटल कर्मचारियों को क्लाउड कंप्यूटिंग में होगी ट्रेनिंग की जरूरत

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अभी भी 76 पर्सेंट डिजिटल कर्मचारियों को क्लाउड कंप्यूटिंग में ट्रेनिंग की उम्मीद है। डिजिटल कर्मचारियों को अपनी नौकरी पूरी योग्यता से करने के लिए इस तकनीक में माहिर होना बहुत जरूरी होगा। भारत में 5 सबसे ज्यादा मांग वाले सेक्टर में क्लाउड आर्किटेक्चर डिजाइन, सॉफ्टवेयर ऑपरेशंस सपोर्ट, वेबसाइट/गेम/सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट आदि शामिल हैं।

एजुकेशन में भी बढ़ रही है डिजिटल वर्कर्स की मांग

AWS इंडिया एंड साउथ एशिया में पब्लिक सेक्टर प्रेसिडेंट राहुल शर्मा का कहना है कि ये रिसर्च गैर तकनीकी क्षेत्रों जैसे मैन्युफैक्चरिंग और एजुकेशन के क्षेत्र में भी डिजिटल वर्कर्स की बढ़ती मांग को दिखाती है। AWS ज्यादा से ज्यादा छात्रों और कर्मचारियों को क्लाउड स्किल्स की ट्रेनिंग दे रहा है। क्लाउड स्किल से लैस कर्मचारियों के माध्यम से इनोवेशन में तेजी आएगी और भारत के प्रॉडक्ट्स विश्व के अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा बेहतर ढंग से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।

इस रिपोर्ट में कर्मचारियों की ओर से नौकरियों में इस्तेमाल की जा रही डिजिटल स्किल्स का विश्लेषण किया गया है। इसके अलावा एशिया-प्रशांत के 6 देशों में अगले पांच सालों में जिन डिजिटल स्किल्स की कर्मचारियों को जरूरत होगी, इसका भी रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है।