बिस्मिल्लाह खां के पैतृक आवास को बचाने की मांग

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  • छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन(AIDSO) की मांग

(www.arya-tv.com)22 अगस्त भारत रत्न एवं प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि है। उन्होंने शहनाई वादन को देश ही नहीं, विदेशों में भी पहचान दिलाई। वे गंगा-जमुनी तहजीब की अद्भुत मिसाल थे। वे गंगा किनारे की 508 सीढ़ियों को चढ़कर बालाजी मंदिर के नौबतखाने में बैठकर घंटों रियाज में लीन हो जाया करते थे। यही कारण है कि चाहे किसी भी समुदाय के लोग हों, सभी उनका आदर करते थे। उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड रीगन ने उन्हें अमेरिका में बसने का प्रस्ताव दिया और अमेरिका में ही बनारस बसा देने की बात कही, किन्तु उन्होंने यह कहकर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि बनारस के घर के कमरे में रखी चारपाई पर आने वाली नींद और मेरी गंगा कहां से लाओगे।

किन्तु बिडम्बना ये कि मातृभूमि से इस हद तक प्यार करने वाले शहनाई सम्राट की पुण्यतिथि के चंद दिनों पहले अखबारों में खबर आई कि वाराणसी स्थित उनके पैतृक मकान को ढहाकर अपार्टमेंट बनवाने के उद्देश्य से माली हालत ठीक न होने की दुहाई देकर उनके बेटे के द्वारा बिल्डर को सौंप दिया गया और 12 अगस्त की रात से सबसे पहले उस कमरे को धराशाई करना शुरू कर दिया गया, जिसमें वे रियाज करते थे और रहते थे। उनके बेटे का कहना है कि हम अब्बा के नाम पर ऊपर संग्रहालय बनवा देंगे, किंतु एक बात ध्यान देने योग्य है कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां न केवल बनारस, बल्कि देश की शान हैं और उनसे जुड़ी हुई हर एक चीज देश की सांस्कृतिक धरोहर है। उसे इस तरह से जमींदोज कर देना पूरे देश के लिए अपमान एवं शर्म की बात है। देश के अन्य महापुरुषों की स्मृतियों की तरह शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां की स्मृतियों को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सुरक्षित एवं संरक्षित रखना भारत सरकार एवं संस्कृति मंत्रालय का परम कर्त्तव्य है।

ऐसे में, छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन(AIDSO) के राज्य सचिव दिलीप कुमार, युवा संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ आर्गेनाइजेशन(AIDYO) के राज्य सचिव मकरध्वज एवं ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन(AIMSS) की राज्य सचिव वंदना सिंह ने संयुक्त बयान जारी करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार से बिस्मिल्लाह खां के पैतृक आवास को बिल्डर के हाथों में जाने से बचाये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह बनारस के ऐतिहासिक स्थलों एवं महापुरुषों से जुड़े स्थलों को सांस्कृतिक केंद्र एवं धरोहर के रूप में विकसित किया जा रहा है, ठीक उसी तरह विस्मिल्लाह खां के पैतृक आवास को राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर घोषित करते हुए संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया जाये। नेताओं ने शहनाई वादन को बढ़ावा देने के लिए उनके आवास को शहनाई प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किये जाने तथा किसी उचित स्थान पर उनके परिवार वालों को जमीन देकर उनका पुनर्वास किये जाने और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की भी मांग की है।