एम्प्लॉई पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने की मांग

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(www.arya-tv.com) आज EPFO बोर्ड बैठक होनी है। इसमें एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत मिलने वाली मिनिमम पेंशन पर फैसला हो सकता है। लंबे समय से मिनिमम पेंशन बढ़ाने की डिमांड हो रही है। अभी EPFO ने मिनिमम पेंशन 1000 रुपए तय कर रखी है।

मार्च में स्टैंडिंग कमिटी ने की थी सिफारिश
मार्च में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने मिनिमम पेंशन की राशि को 1000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए तक करने की सिफारिश की थी। हालांकि, पेंशनर्स डिमांड है कि पेंशन राशि बहुत कम है, इसे बढ़ाकर कम से कम 9000 रुपए किया जाना चाहिए।

EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ की डिमांड है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट से ठीक पहले की आखिरी सैलरी के अनुसार पेंशन तय की जानी चाहिए। अभी अंतिम 5 साल के वेतन का औसत देखा जाता है। हालांकि श्रम मंत्रालय ऐसा करने में अपनी असमर्थता जता चुका है।

क्या है EPS 95 पेंशन स्कीम?
EPFO के तहत प्रोविडेंट फंड पाने पर सभी सब्सक्राइबर्स के लिए कर्मचारी पेंशन स्कीम-1995 है। इसमें संगठित क्षेत्र के तहत काम करने वाले लोगों को 58 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलती है। इसके लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है। जब कोई कर्मचारी EPF यानी एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड का सदस्य बनता है तो वह EPS का भी सदस्य बन जाता है। कर्मचारी अपने वेतन का 12% EPF में योगदान देता है और उतनी ही राशि एम्प्लॉयर द्वारा भी दी जाती है। लेकिन, एम्प्लॉयर के योगदान में एक हिस्सा EPS में जमा किया जाता है।

EPS खाते में योगदान वेतन का 8.33 % होता है। हालांकि अभी पेंशन योग्य वेतन अधिकतम 15 हजार रुपए ही माना जाता है। इससे यह पेंशन का हिस्सा अधिकतम 1250 प्रति महीना होता है। इसके तहत मिनिमम पेंशन 1000 और अधिकतम 7,500 रुपए की दी जाती है। स्कीम में विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन की सुविधा मिलती है। अगर कर्मचारी की नौकरी के दौरान 58 साल से पहले मौत हो जाती है, तो उसकी पत्नी और बच्चे पेंशन मिलती है।

EPS का लाभ लेने के लिए शर्तें

  • कर्मचारी को EPF का सदस्य होना चाहिए।
  • नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल तक होना चाहिए।
  • कर्मचारी 58 साल की उम्र पूरी कर चुका हो। 50 साल की उम्र पूरी कर लेने और 58 साल की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का विकल्प चुना जा सकता है। लेकिन, ऐसे में आपको घटी हुई पेंशन मिलेगी। इसके लिए फॉर्म 10D भरना होता है।
  • कर्मचारी चाहे तो 58 साल पूरा होने के बाद भी EPS में योगदान कर सकता है और या तो 58 साल से ही या फिर 60 साल की उम्र से पेंशन शुरू करा सकते हैं।
  • 60 साल की उम्र से पेंशन शुरू कराने पर टाले गए 2 साल के लिए 4% सालाना की दर से बढ़ी हुई पेंशन मिलती है।
  • कर्मचारी की मौत होने पर उसका परिवार पेंशन पाने का हकदार होता है।
    अगर किसी कर्मचारी की सर्विस 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की
  • आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का विकल्प मिलता है।