क्रेडाई ने आरबीआई को लिखा पत्र, उधार लेने वालों को दबाव से राहत दिलाने के लिए तत्काल दखल करने का आग्रह

Business
  • क्रेडाई ने आरबीआई को लिखा पत्र, उधार लेने वालों को दबाव से राहत दिलाने के लिए तत्काल दखल करने का आग्रह

(www.arya-tv.com)देश भर में 20,000 से अधिक डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष डेवलपर निकाय क्रेडाई ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर  शक्तिकांत दास को एक पत्र लिखा है और रेपो दरों और रिवर्स रेपो दरों में कमी का लाभ एनबीएफसी और एचएफसी को दिलाने का अनुरोध किया है। कोविड- 19 के कारण उपजे मौजूदा संकट के दौरान आरबीआई ने सिस्टम में लिक्विडिटी की मात्रा को बढ़ाने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की है, हालांकि रियल एस्टेट क्षेत्र रेपो दरों में इस कमी का लाभ उठाने में सक्षम नहीं है।

एक प्रमुख प्रतिबंधित कारक यह है कि आरबीआई ने जनवरी 2019 से रेपो दर में 2.50 फीसदी की कमी की है, लेकिन बैंकों ने उधारकर्ताओं को सिर्फ 0.7 फीसदी से 1.3 फीसदी के बीच ही राहत दी है और कुछ मामलों में तो यह लाभ भी नहीं दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि आज भी रियल एस्टेट उद्योग को बहुत ऊंची दरों पर वित्त की व्यवस्था करना पड़ रही है, इसलिए क्रेडाई ने रिजर्व बैंक से आग्रह किया है कि वह एनबीएफसी/एचएफसी को भी दरों में कटौती के लाभ प्रदान करने के लिए बैंकों को उचित दिशा-निर्देश दे। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए, एनबीएफसी और एचएफसी वित्तपोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं।

यह एनबीएफसी और एचएफसी को रियल एस्टेट सेक्टर को कम ब्याज दर पर ऋण देने में सक्षम करेगा और इस तरह उद्योग को ढहने से बचाने में मदद मिलेगी। देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता होने के नाते, रियल्टी क्षेत्र जीडीपी में काफी योगदान देता है और बैंकों के कुल उधार का लगभग 11 फीसदी हिस्सा रियल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित है। इसके अलावा, सीमेंट और स्टील आदि सहित लगभग 250 उद्योग रियल एस्टेट सैक्टर के साथ जुड़े हुए हैं। इस तरह यह स्पष्ट है कि हमारा अस्तित्व अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम निम्नलिखित अनुशंसाओं पर तत्काल हस्तक्षेप के लिए प्रार्थना करते हैं, जैसा कि संलग्न पत्र में उल्लेख किया गया है।