हाईवे किनारे Covid-19 पीपीई किट का ढेर मिलने से मचा हड़कंप, जांच में जुटा स्वास्थ्य विभाग

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(www.arya-tv.com) एक दौर था जब दुनिया में कोरोना महामारी से परेशान थी. कोरोना के खिलाफ जंग में पीपीई किट ने अहम भूमिका निभाई थी. अब महामारी से देश के लोग उबर चुके हैं. इसलिए मेडिकल उपकरण की उपयोगिता भी कम हो गई है. मामला बस्ती में नेशनल हाईवे पर पटेल चौक के पास का है. गोरखपुर लखनऊ हाईवे किनारे कूड़े के ढेर में हजारों पीपीई किट देखकर लोग दंग रह गए. लापरवाही प्राइवेट अस्पताल की मानी जा रही है.

हाईवे किनारे कूड़े में पीपीई किट का ढेर 

मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को लगी. एसीएमओ डॉ अशोक कुमार चौधरी ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की. उन्होंने पीपीई किट को डिस्पोज करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मदद से पीपीई किट को निस्तारित कर दिया गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि डीसीएम चालक को पीपीई किट फेंकते हुए देखा गया था. चालक डीसीएम से पीपीई किट फेंककर फरार हो गया. बता दें कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मी पीपीई किट का प्रयोग करते हैं.

प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही का शक

एक बार प्रयोग के बाद पीपीई किट को आबादी से दूर सुनसान जगह पर नष्ट कर दिया जाता है. स्थानीय लोगों और हाईवे से गुजर रहे राहगीरों ने कूड़े के ढेर में हजारों पीपीई किट मिलने पर नाराजगी जताई. उन्होंने तत्काल सूचना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. डॉ अशोक कुमार चौधरी का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस्तेमाल की जानेवाली पीपीई किट का बायो मेडिकल वेस्ट किया जाता है. हाईवे किनारे कूड़े में पीपीई किट फेंके जाने की जांच कर कार्रवाई की जाएगी. अनुमान है कि पीपीई किट लाखों रुपये की होगी. लोगों के विरोध जताने पर पीपीई किट को डिस्पोज कर दिया गया है.