यूपी की इस सीट पर पहली बार EVM में नहीं होगा कांग्रेस का सिंबल, जानें क्या है वजह

# ## UP

(www.arya-tv.com) कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, कभी घोसी लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करती थी लेकिन इतिहास में पहली बार 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का निशान ईवीएम में नहीं होगा. इस बार कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा न होने का कारण यह है कि इस बार यह सीट इंडिया गठबंधन के अंतर्गत समाजवादी पार्टी के खाते में गई है. इस सीट के लिए ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव निशान पर कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ रहा है. गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के लगातार घटते जनाधार को देखते हुए यह सीट कांग्रेस ने अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी को दे दी है.

साल 1957 से 2019 तक 17 बार घोसी में हुए लोकसभा चुनाव में केवल चार बार ही कांग्रेस इस सीट पर कब्जा कर पाई है. घोसी लोकसभा सीट से केवल कल्पनाथ राय ही कांग्रेस की टिकट पर लगातार दो बार चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे थे. साल 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उमराव सिंह चुनाव जीते थे उसके बाद घोसी लोकसभा सीट कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ बन गई. साल 1962, 1967, 1968 और 1971 के लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा सीट पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा रहा. साल 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार शिवराम राय यहां से विजय हुए थे. उसके बाद 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में यह सीट एक बार फिर कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में गई लेकिन 1984 के लोकसभा चुनाव में यह सीट एक बार फिर कांग्रेस के कब्जे में आई जब राजकुमार राय कांग्रेस के टिकट पर यहां से सांसद बने.

उसके बाद 1989 और 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कल्पनाथ राय विजय हुए थे लेकिन 1996 के लोकसभा चुनाव में कल्पनाथ राय निर्दल चुनाव लड़े वह जीते. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में कल्पनाथ राय एक बार फिर विजय हुए लेकिन इस बार वह समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े इस चुनाव में कांग्रेस के चंद्रजीत चौथे नंबर पर रहे. उसके बाद 1999 में कांग्रेस पार्टी ने कल्पनाथ राय की पत्नी सुधा राय का अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहीं. बात करें 2004 लोकसभा चुनाव की तो इस सीट से पुनः कांग्रेस पार्टी ने कल्पनाथ राय की पत्नी सुधा राय का अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन वह एकबार फिर चुनाव नहीं जीत पाईं और दूसरे स्थान पर रहीं.

साल 2009 में फिर कांग्रेस पार्टी ने सुधा राय को टिकट दिया लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहीं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब चारों तरफ मोदी लहर चल रही थी तब इस सीट पर कांग्रेस पार्टी ने राजकुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया और वह पांचवें स्थान पर रहे. इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान चुनाव में उतारा नही वह भी चुनाव नही जीत पाएं और तीसरे स्थान पर रहे. अब 2024 लोकसभा चुनाव में घोसी लोकसभा सीट इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी के खाते में गई हैं. इस तरह घोसी लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार होगा जब ईवीएम में कांग्रेस पार्टी का चुनाव निशान नहीं होगा