CM योगी ने किया ऐलान, जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम होगी यूनिवर्सिटी

UP

(www.arya-tv.com) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा दांव चल दिया है। यहां अलीगढ़ में जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया गया है। इसका शिलान्यास खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को करेंगे। जाट राजा को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का सबसे बड़ा विरोधी माना जाता है। 2019 में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जाट राजा के नाम स्टेट यूनिवर्सिटी खोलने का भरोसा अलीगढ़ के लोगों को दिया था।

1915 में अफगानिस्तान में रहकर बनाई भारत की अंतरिम सरकार
अफगानिस्तान में रहते हुए राजा महेंद्र प्रताप ने 1915 में भारत की अंतरिम सरकार बनाई थी। राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही अलीगढ़ में विश्वविद्यालय खोलने के लिए अपनी जमीन दान की थी, लेकिन बाद में उनका नाम ही यहां से हटा दिया गया। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सिर्फ जिन्ना का नाम ही लिखा गया, जबकि राजा का नाम हटा दिया गया। इसी कारण यहां पर एएमयू का नाम बदलने के लिए काफी मांग उठती रहती है।

सीएम योगी करेंगे अपना वादा पूरा
सीएम योगी ने राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़ में एक नया विश्वविद्यालय स्थापित करने का वादा 2019 में ही किया था। इसकी घोषणा भी सीएम ने 14 सितंबर, 2019 को की थी। दरअसल, जिस जमीन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनी है, उसे राजा महेंद्र सिंह ने ही दान किया था। लंबे समय से एएमयू का नाम बदलने के लिए मांग उठ रही थी। लिहाजा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए रास्ता निकाला। प्रदेश सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाब में महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया। और अब यह वादा पूरा होने जा रहा है।

क्या है इसके सियासी मायने?
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के बाद पीएम मोदी का अलीगढ़ में राजा महेंद्र सिंह के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी का शिलान्यास का कार्यक्रम आना बताता है कि इसके पीछे भाजपा कौन सी सियासत है। दरअसल, कहा जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में जाट सरकार से थोड़े नाराज है। किसान आंदोलन में भी जाट नेतृत्वकर्ता की भूमिका में है। ऐसे में चुनावी साल में सरकार डोमिनेटिंग जाटों की नाराजगी को यूं ही नहीं छोड़ सकती है। दरअसल, पश्चिमी यूपी में जाट मुस्लिम और दलितों के बाद सबसे बड़ी आबादी है। इस इलाके के 5 मंडलों आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर ,मुरादाबाद और आंशिक रूप से बरेली में जाट बेहद प्रभावी है। इतना ही नहीं इसका असर करीब विधानसभा सीटों पर भी है।

AMO में पढ़े थे राजा महेंद्र प्रताप
1 दिसंबर, 1886 में जन्मे राजा महेंद्र प्रताप को गोद लेने के वाले हाथरस के राजा घनश्याम सिंह ने उन्हें पढने के लिए 1895 में अलीगढ़ में गवर्नमेंट हाईस्कूल (नौरंगीलाल इंटर कॉलेज) भेजा था। उसी साल महेंद्र प्रताप का दाखिला एमएओ (मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल) कॉलेज में करा दिया गया। राजा घनश्याम सिंह और सर सैयद के बीच अच्छी दोस्ती थी। सर सैयद के आग्रह पर ही महेंद्र प्रताप यहां पढ़ने आए। बताते हैं कि महेंद्र प्रताप अलग हॉस्टल में राजशाही ठाठ से रहते थे। 10 नौकर भी उनके साथ यहां रहते थे।

कई कॉलेजों के लिए जमीन दान की थी
देश की आजादी से पहले 1915 में अफगानिस्तान में रहकर महेंद्र प्रताप ने भारत की अंतरिम सरकार बनाई थी। ये उस वक्त देश के सबसे बड़े हीरो माने जाते थे। कहते हैं कि जाटों के दिलों में आज भी राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज करते है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने 1909 में वृंदावन (मथुरा) में प्रेम महाविद्यालय (पीएमवी) की स्थापना की थी, तब उन्होंने पांच गांव दान में भी दिए। गुरुकुल वृंदावन, डीएस कॉलेज, एसवी कॉलेज, कायस्थ पाठशाला और बीएचयू के लिए भी उन्होंने अपनी जमीन दी थी। 1932 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह को इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।