कोरियोग्राफर सरोज खान को दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन, पूरा जीवन बीता कुछ ऐसे

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(www.arya-tv.com) डांस नाम से ही सरोज खान की नाम आना कोई बड़ी बात नहीं थी कोरियोग्राफी में इतना महसूर हो गई भी की बच्चा बच्चा इनका नाम जानता था। आज वह हम लोगों को छोड़ कर चली गई है दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन।फिल्मी दुनिया में आने से पहले सरोज खान एक बैकग्राउंड डांसर थी उन्होने अपने जीवन काल में बहुच कुछ देखा है, 1950 की दशक में मशहूर कोरियाग्राफर बी. सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग की शिक्षा ली थी, साथ काम करते करते इन्ही के साथ शादी भी की बी. सोहन लाल से सरोज से 30 साल बड़े थे. शादी के दौरान सरोज खान 13 साल की थी। इतना ही नहीं, शादी से पहले सरोज ने इस्लाम धर्म भी कबूल किया। उनका असली नाम निर्मला नागपाल था।

सरोज खान की निजी जिंदगी की बात करें तो उनका जन्म 22 नवंबर 1948 में निरमला नागपाल के रूप में हुआ था. उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी. तीन साल की उम्र में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया था ।साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म ‘देवदास’ के सॉन्ग डोला रे डोल के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. इसके अलावा साल 2006 में आई फिल्म ‘श्रीनगरम’ के सभी गानों और साल 2008 में आई ‘जब वी मेट’ के लिए यह इश्क हाए के लिए भी नेशनल अवार्ड मिला।

पनी कोरियोग्राफी के साथ-साथ सरोज खान अपने बोल्ड स्टेटमेंट्स के चलते भी सुर्खियों में रहती थी। सरोज खान ने कास्टिंग काउच से लेकर कॉन्टेंपरेरी कोरियोग्राफर्स को लेकर अपनी राय सबके सामने रखी।सरोज खान फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले कास्टिंग काउच को लेकर दिए अपने बयान के चलते सुर्खियों में आ गई थी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच होता है लेकिन रेप नहीं होता. उन्होंने कहा था कि इस इंडस्ट्री में कोई भी आपसे जबरदस्ती नहीं करता, आप जो करते हैं अपनी मर्जी से करते हैं. हालांकि बाद में सरोज खान को अपने इस बयान के चलते काफी विरोध झेलना पड़ा था।