माफ नहीं करूंगा, बहुत तकलीफ दी…Chirag Paswan का दर्द छलका

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(www.arya-tv.com) बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच चाचा-भतीजे की सियासी रंजिश काफी सुर्खियों में है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) इस बार भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन का हिस्सा है। चिराग पासवान बिहार की हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं जब चिराग पासवान का NDA हिस्सा बने तो उनके चाचा पारस पशुपति ने भाजपा की मोदी सरकार के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

पासवान परिवार के विवाद से सभी वाकिफ हैं, लेकिन अब अचानक चाचा अपने भतीजे पर प्यार बरसाने लगे हैं। पशुपति पारस भतीजे चिराग पासवान के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार हैं। चाचा का यह ऑफर स्वीकार है या नहीं, इसे लेकर जब सवाल पूछा गया तो चिराग पासवान का दर्द जुबां पर आया और उन्होंने कड़े शब्दों में चाचा को No Thanks कहते हुए उनका साथ लेने से इनकार कर दिया।

चाचा पशुपति पारस से समझौता नहीं करेंगे चिराग?

अपने व्यस्त चुनावी अभियान के बीच चिराग पासवान हाजीपुर पहुंचे थे। यहां कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद जब वे वापस जाने लगे तो पत्रकरों ने चाचा पारस के प्यार बरसाने और चुनाव प्रचार करने के ऑफर पर सवाल पूछा। सवाल सुनकर चिराग पासवान बोले चाचा आज आशीर्वाद बरसा रहे हैं? पहले यह आशीर्वाद उनके सिर से क्यों हटा लिया गया, मुझे नहीं पता? मुझे परिवार से अलग किया, घर से निकाल दिया क्यों मुझे नहीं पता? पता नहीं क्यों मेरे बुरे वक्त में चाचा ने मेरे साथ बहुत बुरा सलूक किया? परिवार के एक होने की बात पर नेवर कहते थे, क्यों मुझे नहीं पता?

डेढ़ घंटा घर के बाहर खड़ा रहा, फिर दरवाजा खुला और मंझली मां ने दरवाज खोला, मैंने उनके पैर छूने चाहे तो उन्होंने कदम पीछे हटा लिए, क्यों मुझे नहीं पता? वे कहती हैं कि मेरे साथ जो हुआ, अच्छा हुआ। इन सबके बावजूद आज चाचा पारस समझौता करना चाहते हैं आखिर क्यों? अब में बहुत आगे निकल चुका हूं। पारिवारिक विवादों से ऊपर उठ चुका हूं। आज टारगेट है NDA को बिहार की सभी 40 सीटें जीतकर देना और इस टारगेट को पूरा करने में चाचा पारस की जरूरत नहीं है। मेरे समर्थक मेरे साथ हैं, बहुत है। उन्हें मैं माफ नहीं कर सकता, बहुत तकलीफ दी है।

पशुपति पारस बैकफुट पर, NDA में बने रहने का ऐलान

बता दें कि बिहार में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस की सियासी दुश्मनी लम्बे समय से चल रही है। टिकट बंटवारे में चिराग के खाते में सभी 5 सीटें जाने और खुद खाली हाथ होने के बाद चाचा पारस अब बैकफुट पर हैं। अब चाचा पारस ने हथियार डाल दिए हैं और न केवल NDA में बने रहने का ऐलान किया है, बल्कि अपनी सीट हथियाने वाले भतीजे चिराग के हाजीपुर की संसदीय सीट से भतीजे के लिए चुनाव प्रचार करने का वादा तक कर दिया है, लेकिन चाचा को सियासी पटखनी देने के बाद चिराग पासवान अब चाचा को माफ़ करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। चाचा के चुनाव प्रचार करने के ऑफर पर चिराग पासवान ने दोटूक कह दिया है NO THANKS