चीनी बुखार ने फिर मचाया विश्व में हड़कंप

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  • विपुल लखनवी ब्यूरो प्रमुख पश्चिमी भारत

ऐसा लगता है प्रकृति ने दुनिया भर में विनाश का कारण चींन देश ही बने इसके लिए तैयारी कर दी है। सूत्रों की माने और मीडिया की विभिन्न रिपोर्ट देखें तो मालूम पड़ जाता है कि कोरोनावायरस भी चीन की वुहान लैब से पूरे विश्व में फैला था। इसके ऊपर कई थ्योरी विश्व भर में दी गई।

अब चीन में फिर से एक बार विश्व में हड़कंप मचा दिया है। यहां तक की भारत सरकार ने सभी राज्यों को इस वायरस से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।

चींन में तो प्रतिदिन हजारों की संख्या में युवा बच्चे मल्टीपल निमोनिया वायरस के शिकार हो रहे हैं।

आर्य टीवी ने अपने एक लेख में इसी निमोनिया के बचाव में अपने पाठकों को सलाह दी थी कि आप चिड़ियों से तो प्रेम करें लेकिन कबूतर से प्रेम न करें क्योंकि यह मृत्यु का भी कारण बन सकता है।

चीन में कोरोना वायरस महामारी (Covid-19) के बाद एक और रहस्यमयी बीमारी तेजी से फैलती जा रही है। चीनी मीडिया के मुताबिक, वहां के स्कूलों में तेजी से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। चीन की राजधानी बीजिंग और उसके 500 मील (करीब 800 किमी) के दायरे में सभी अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। इस बीमारी को रहस्यमयी निमोनिया कहा जा रहा है। बीमार बच्चों में फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है

इस विषय में कुछ भारतीय आयुर्वेद के चिकित्सकों की राय है कि चीन में हर वह चीज खाई जाती है जो चल सकती है चाहे वह कॉकरोच हो या कनखजूरा या फिर कोई बड़ा जानवर जैसे हाथी या गेंडा। विशेषज्ञों की माने तो मनुष्य के दांत मांस खाने के लिए नहीं बने हैं। मांस खाने के कारण अन्य जीवों में मौजूद वायरस मनुष्य में पहुंच जाते हैं और बीमारी का कारण बनते हैं। चीनी प्रशासन का मानना है कि सांस लेने संबंधी परेशानियां बढ़ने की वजह से कोरोना से जुड़ी पाबंदियों में कमी आना है।

बीजिंग के लियाओनिंग में पीडियाट्रिक हॉस्पिटल बीमार बच्चों से भर गए हैं। बीजिंग चिल्ड्रन हॉस्पिटल बीमार बच्चों से पूरी तरह से भरा हुआ है। अभी इस बीमारी को कोई इलाज नहीं मिल पाया है।

ओपन-एक्सेस सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रोमेड ने चीन में फैल रहे इस न्यूमोनिया पर कहा है कि खासतौर से बच्चों को प्रभावित करने वाली ये बीमारी एक महामारी में भी बदल सकती है। उत्तरी चीन में इस बीमारी का प्रकोप अभी ज्यादा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अभी तक रहस्यमयी निमोनिया के महामारी होने पर कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रो-मेड ने भी कहा कि इसे महामारी कहना गलत होगा और जल्दबाजी भी। पिछले हफ्ते चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने निमोनिया फैलने की वजह कोरोना पाबंदियों का हटना बताया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीमारी की जांच के लिए चीन में हाल फिलहाल में फैले सभी तरह के वायरस की लिस्ट मांगी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सांस की इस बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए लोग तमाम तरह के दिशा निर्देशों का पालन करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, रहस्यमयी बीमारी से बचने के लिए ऐहतिहात ही सबसे बड़ा उपाय है। WHO ने लोगों से कहा है कि वो मास्क पहन कर रखें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने इतिहास के तौर पर सभी राज्यों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सजग रहने को कहा है।