CM योगी के काफिले के हादसे पर अखिलेश यादव बोलें- ‘जहां जिंदगी का सवाल हो, वहां जुमलेबाजी नहीं’

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(www.Arya Tv .Com) लखनऊ के अर्जुनगंज क्षेत्र में शनिवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले के करीब एक किलोमीटर आगे चल रही जिला प्रशासन की पुलिस जीप के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से पांच पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 15 लोग घायल हो गये. इस हादसे से मुख्यमंत्री के काफिले पर कोई असर नही पड़ा है. मुख्यमंत्री का काफिला अमौसी हवाई अड्डे से लौट रहा था और मुख्यमंत्री काफिले में अपने वाहन में मौजूद थे.

लखनऊ के पुलिस आयुक्त एस बी शिरोडकर ने बताया कि शनिवार शाम को मुख्यमंत्री के काफिले के एक किलोमीटर आगे जिला पुलिस की एक बोलेरो जीप (एन्टी डेमो) चल रही थी. इस जीप के पहले पुलिस का एक इन्टर सेप्टर वाहन चल रहा था. अर्जुनगंज बाजार क्षेत्र में इंटरसेप्टर वाहन एक कुत्ते से टकरा गया और कुत्ता मर कर सड़क पर पड़ा था. पीछे से तेज रफतार से आ रही एंटी डेमो जीप इस कुत्ते के ऊपर चढ़ने से अनिंयंत्रित होकर सड़क पर चल रही दो अन्य कारों से से टकरा गयी. उन्होंने बताया कि इस हादसे से जीप में बैठे पांच पुलिसकर्मियों समेत 15 लोग घायल हो गये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जाना घायलों का हाल
संयुक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुल्हरी ने बताया कि बोलेरो जीप में बैठे पांच पुलिसकर्मी और दो कारों में बैठे 10 अन्य लोग घायल हुये हैं. उनके मुताबिक घायलों में से कुछ की हालत चिंताजनक है. पुलिस आयुक्त ने बताया कि चूंकि यह एंटी डेमो जीप मुख्यमंत्री के काफिले से एक किलोमीटर आगे चल रही थी इसलिए इस हादसे से मुख्यमंत्री के काफिले पर कोई

असर नही प़ड़ा . उनके मुताबिक मुख्यमंत्री का काफिला अमौसी हवाई अड्डे से लौट रहा था और मुख्यमंत्री अपने वाहन में काफिले में मौजूद थे. इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अस्पताल पहुंचे और घायलों के बारे में डाक्टरों से जानकारी ली .

अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना 
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”अनाथ पशुओं की समस्या को गंभीरता से नहीं लेने की वजह से आज स्वयं मुख्यमंत्री जी का क़ाफ़िला हादसे का शिकार हुआ है और कई लोग घायल हुए हैं. दुखद भी, चिंतनीय भी.” उन्होंने कहा कि ”पशुओं की समस्या उत्तर प्रदेश का एक ख़तरनाक सत्य है. यह लोगों के जीवन का प्रश्न है. आशा है कि अब तो आँखें खुल गई होंगी और चुनाव में किया गया वो भाजपाई वादा याद आ गया होगा जिसमें आवारा जानवरों से छुटकारा दिलवाने का वचन दिया गया था. जब लोगों के अपने जीवन पर बन आती है तब पता चलता है कि आम जनता की समस्या के लिए झूठ बोलना कभी ख़ुद की ज़िंदगी के लिए महंगा पड़ सकता है. भाजपा इस हादसे से ये सबक ले कि जहाँ ज़िंदगी का सवाल हो, वहाँ जुमलेबाज़ी नहीं करनी चाहिए.”