उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के बांसगांव स्थित जवाहर लाल नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में महाविद्यालय के संस्थापक एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख बांसगांव बाबू चतुर्भुज सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने महाविद्यालय की पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने महाविद्यालय की स्वर्ण पदक विजेता सुश्री एकता यादव व सुश्री शालिनी पाण्डेय को पुरस्कृत किया। उन्होंने बांसगांव स्थित दुर्गा मन्दिर मे पूजा-अर्चना की और पर्यटन विकास कार्यों का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबू चतुर्भुज सिंह गोरखपुर के प्रमुख समाजसेवी थे। उन्होंने ब्लॉक प्रमुख के रूप में लम्बे समय तक इस विकासखण्ड में अपनी सेवाएं दीं। वह विपरीत परिस्थितियों में भी समाज सेवा में अटल रहे। बाबू चतुर्भुज सिंह की प्रतिमा की स्थापना का कार्यक्रम, उन्हीं के द्वारा स्थापित महाविद्यालय के प्रांगण में सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबू चतुर्भुज सिंह हर व्यक्ति के सुख-दुख में साथ खड़े होते थे। उनके अन्दर विपरीत परिस्थितियों से जूझने की क्षमता थी। वे सम और विषम परिस्थितियों में कार्य करके, जनहित से जुड़े सभी मुद्दों पर मजबूती के साथ आगे बढ़ने के लिए तत्पर रहते थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बांसगांव ऊर्जा से भरपूर क्षेत्र है। बांसगांव के युवाओं को उचित मार्गदर्शन मिला, तो उसने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में कोई कसर नही छोड़ी। बांसगांव की इस धरती से जो भी बाहर गया, यहां का प्रताप, ऊर्जा और परिश्रम सदैव उसके साथ बने रहे। इसी का परिणाम था कि वह जिस क्षेत्र में गया, उसने समाज के सामने कुछ मानक गढ़े।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बांसगांव ऊर्जा से भरपूर क्षेत्र है। बांसगांव के युवाओं को उचित मार्गदर्शन मिला, तो उसने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में कोई कसर नही छोड़ी। बांसगांव की इस धरती से जो भी बाहर गया, यहां का प्रताप, ऊर्जा और परिश्रम सदैव उसके साथ बने रहे। इसी का परिणाम था कि वह जिस क्षेत्र में गया, उसने समाज के सामने कुछ मानक गढ़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस काल खण्ड में सरकार का प्रोत्साहन कम था, उस समय बांसगांव क्षेत्र में डिग्री कॉलेज की स्थापना एक सपना था। भिटौली तथा कौड़ीराम में महाविद्यालय थे, लेकिन बांसगाव में महाविद्यालय नहीं था। उस समय न्यायाधीश श्री के0डी0 शाही के मार्गदर्शन में बांसगावं में बाबू चतुर्भुज सिंह ने इस कॉलेज की स्थापना का दायित्व लिया। देखते ही देखते यहां पर एक महाविद्यालय बना दिया और आज यह इस क्षेत्र में शिक्षा के केन्द्र के रूप में कार्य कर रहा है। शिक्षा का यह केन्द्र रचनात्मकता को आगे बढ़ाने में सहायक हुआ है, जिसके परिणाम हम सबके सामने हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां पर विकास की अनेक नई योजनाएं आ रही हैं। विकास के नये कार्य हो रहे हैं। विकास के इस दौर में कोई पिछड़ने न पाए, इसके लिए लोगों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार अपना योगदान कर रही है। चाहे सड़क, चिकित्सालय या हर घर नल योजना के कार्य हां, विकास ही लोगों के जीवन में परिवर्तन लाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां पर विकास की अनेक नई योजनाएं आ रही हैं। विकास के नये कार्य हो रहे हैं। विकास के इस दौर में कोई पिछड़ने न पाए, इसके लिए लोगों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार अपना योगदान कर रही है। चाहे सड़क, चिकित्सालय या हर घर नल योजना के कार्य हां, विकास ही लोगों के जीवन में परिवर्तन लाएगा।