कानपुरा(www.arya-tv.com) एमजी हॉस्टल में फांसी लगाने वाली 20 वर्षीय छात्रा इशिता मिश्रा की मौत पर पिता बृजेश मिश्रा ने कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा, सोमवार सुबह करीब आठ बजे लखीमपुर से हॉस्टल पहुंच गए थे लेकिन, इससे पहले ही पुलिस ने शव वहां से हटवा दिया। उन्होंने सुसाइड नोट की जांच कराने की भी मांग की है।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की खो-खो टीम की कप्तान और डीजी कॉलेज में बीएससी की छात्रा इशिता मिश्रा ने रविवार देर रात हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली थी।
घटना की जानकारी सामने तब आई जब देर रात इशिता के एक दोस्त ने पड़ोस के कमरे में रहने वाली छात्रा को फोन कर जगाया और इशिता से बात कराने के लिए कहा। इशिता के कमरे का दरवाजा न खुलने, कोई जवाब न मिलने पर अंदर झांक कर देखा गया तो पंखे से शव लटक रहा था।
जानकारी मिलते ही पिता बृजेश मिश्रा, पत्नी ऊषा और रिश्तेदारों संग सुबह ही कानपुर आ गए, लेकिन तब तक बेटी का शव मच्र्युरी भेज दिया गया। पिता ने बताया कि तीन फरवरी से पहले बेटी परमट में किराये पर कमरा लेकर रहती थी। उसे एक महिला खिलाड़ी ने ही कमरा दिलाया था, मगर बाद में उस खिलाड़ी का भाई बेटी को परेशान करने लगा था।
इसी वजह से इशिता को एमजी हॉस्टल में कमरा दिलाया। उन्होंने कहा कि महिला खिलाड़ी, उसका भाई व एक अन्य छात्रा ही बेटी को परेशान कर रहे थे। पुलिस लापरवाही बरत रही है।