क्या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत में खाने का तेल हो सकता है महंगा, जानें कितनी हो सकती है कीमत

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(www.arya-tv.com) यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष के कारण सूरजमुखी के तेल का आयात प्रभावित होने के बीच उद्योग निकाय SEA ने कहा कि घरेलू आपूर्ति बनाए रखने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए वह अन्य देशों से खाना पकाने के तेल खरीदने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। उद्योग को उम्मीद है कि खाना पकाने के तेल की कीमतें स्थिर बनी रहेंगी क्योंकि अगले महीने से घरेलू सरसों के तेल की आपूर्ति में सुधार होगा। सरसों की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि के कारण भारत के खाद्य तेलों का कुल आयात 2020-21 के विपणन वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) में पिछले वर्ष के लगभग 72,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.17 लाख करोड़ रुपये हो गया। मात्रा के लिहाज से आयात 130 लाख टन पर स्थिर रहा।

मेहता ने कहा, “हम इंडोनेशिया से पाम तेल के अपने आयात को बढ़ा सकते हैं, जो बड़ी मात्रा में पाम तेल का उपयोग ईंधन के लिए कर रहा है। हम दुबई से कैनोला तेल भी प्राप्त कर सकते हैं। राइस ब्रैन ऑयल और ओलिव ऑयल भी आयात किया जा सकता है।” इसके अलावा, उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों से बचने के लिए रुपये-रूबल समझौते के माध्यम से रूस से सूरजमुखी तेल का आयात किया जा सकता है।