18 साल पहले मां-बेटों की हत्या में नामजद दोनों आरोपी कोर्ट से बरी:नहीं मिले ठोस सबूत

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(www.arya-tv.com)  वाराणसी में शुक्रवार को 18 साल बाद तिहरे हत्याकांड में नामजद आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। 18 साल पहले दर्ज केस की लंबे समय से सुनवाई जारी थी, जिसमें कई गवाह और पुलिस की चार्जशीट पेश हुई। इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ हत्या की कोई ठोस वजह का साक्ष्य नहीं मिल सका। महमूरगंज में मां व दो बेटे की हत्या के मामले में आरोपितों को न्यायालय ने आरोपियों को बरी कर दिया।

विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) राकेश पांडेय की कोर्ट ने शुक्रवार को तिहरे हत्यकांड के दो आरोपित जैतपुरा निवासी विकास सिंह चौहान और अब्दुल मतीन को साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए। अभियोजन के अनुसार लक्सा थाने क्षेत्र निवासी नंदलाल सेठ का एक मकान महमूरगंज में है, जिसमे किरायेदार रहते थे। नंदलाल ने 11 दिसंबर वर्ष-2005 को भेलूपुर थाने में मकान में किराए पर रहनेवाली राधा खन्ना और उनके दो बेटों की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।

जिसमें अजय उर्फ बच्चा श्रीवास्तव और विजय कुमार उर्फ बबलू श्रीवास्तव, विकास और अब्दुल मतीन को आरोपित बनाया गया था। अजय और विजय कुमार को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। जबकि विकास और अब्दुल मतीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद कोर्ट में पुलिस की ओर चार्जशीट दाखिल करते हुए कई गवाह भी शामिल किए गए। सुनवाई चली फिर केस ट्रायल पर आया लेकिन दस्तावेजी साक्ष्य का ठोस आधार नहीं बन सका। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार राय ने पैरवी की।