(www.arya-tv.com) ब्लड कैंसर (Blood cancer) एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है जिसके कई प्रकार हैं। ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा, एमडीएस और एमपीएन, ब्लड कैंसर के कुछ प्रकार हैं। ब्लड कैंसर के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। कैंसर को लेकर एक बात कही जाती है कि इसके शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चल पाता है, जो लक्षण दिखते भी हैं, वो रोजाना की आम स्वास्थ्य समस्याओं से मिलते-जुलते होते हैं। यही वजह है कि अधिकतर लोग इन लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। ब्लड कैंसर के लक्षणों के मामले में भी लोग धोखा खा जाते हैं।
हालांकि ब्लड कैंसर के कुछ संकेत और लक्षण हैं जिनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह जानलेवा कैंसर आपके शरीर में घुस चुका है और फैलना शुरू होने वाला है या शुरू हो गया है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि किसी भी तरह के कैंसर के शुरुआती लक्षणों की अगर समय पर पहचान और निदान हो जाए, तो सही और सफल इलाज में मदद मिल सकती है। चलिए जानते हैं कि ब्लड कैंसर की शुरुआत के क्या-क्या लक्षण होते हैं और उनमें सबसे पहला लक्षण क्या है।
खून के कैंसर के लक्षण (Blood cancer symptoms)
- बेवजह अचानक वजन कम होना
- चोट या रक्तस्राव जो अस्पष्ट है
- गांठ या सूजन
- सांस की तकलीफ (सांस फूलना)
- रात को सोते हुए पसीना
- संक्रमण जो लगातार, बार-बार होने वाला या गंभीर हो
- बुखार (38°C या इससे अधिक) जिसका कोई कारण न बताया गया हो
- त्वचा पर दाने या खुजली होना
- हड्डियों, जोड़ों या पेट में दर्द
- थकान जो आराम या नींद से ठीक नहीं होती
- त्वचा में पीलापन
- बच्चों में क्यों होता है कैंसर, डॉक्टर से जानें
ब्लड कैंसर क्या है ?
ब्लड कैंसर एक ऐसी कंडीशन है जिसमें खून बनाने वाले टिश्यू अनकंट्रोल होकर बढ़ने लगते हैं। इससे ब्लड सेल्स के उत्पादन और कामकाज प्रभावित होने लगता है। अधिकतर ब्लड कैंसर अस्थि मज्जा (bone marrow) और लसीका प्रणाली (lymphatic system) में शुरू होते हैं। ध्यान रहे कि अस्थि मज्जा का काम ब्लड के कॉम्पोनेन्ट बनाती है, जैसे श्वेत रक्त कोशिकाएं (डब्ल्यूबीसी), लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी) और प्लेटलेट्स। इसमें नॉर्मल ब्लड सेल्स ठप्प हो जाती है और अबनॉर्मल सेल्स अनकंट्रोल होकर बढ़ने लगती हैं।
चोट ठाक नहीं होना हो सकता है ब्लड कैंसर का पहला संकेत
खून शरीर में घूमता है और यह अंगों को ऑक्सीजन, पोषक तत्व, हार्मोन और एंटीबॉडी देता है और गंदे पदार्थों को निकालता है। जब ब्लड में कैंसर होता है, तो यह उसका कामकाज प्रभावित होता है और अनगिनत बीमारियां पैदा करता है। आम तौर पर, प्रारंभिक चरण में ब्लड कैंसर कोई अलग लक्षण नहीं दिखता है। फिर भी कुछ संकेत और लक्षण चिंताजनक हैं, और आपको उनके बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
इनमें से एक घाव या चोट का धीरे-धीरे ठीक होना है। जब किसी घाव को ठीक होने में अधिक समय लगे तो इसे नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर से सलाह लें। ल्यूकेमिया से पीड़ित व्यक्तियों में प्लेटलेट्स कम होने के कारण बार-बार ब्लीडिंग और चोट लगती है, जो ब्लड क्लॉट जमने और घाव भरने के लिए जरूरी हैं।
इन लक्षणों को भी न करें नजरअंदाज
जल्दी-जल्दी बीमार होना, इम्यूनिटी कमजोर होना, लम्फ नोड्स में सूजन होना, गुदा से खून आना, पेशाब की आदतें बदलना, त्वचा का रंग बदलना आदि जैसे लक्षणों को भी न नजरअंदाज करें।
गंभीर कैंसर के लक्षण
कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर जैसे एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (एएमएल) बहुत तेजी से विकसित होते हैं और आपको अचानक बहुत अस्वस्थ कर देते हैं। इसे ल्यूकोस्टैसिस या ब्लास्ट संकट के रूप में जाना जाता है। इसके लक्षणों में सांस लेने में समस्या, देखने में परेशानी, भ्रम, उल्टी, मांसपेशियों पर काबू नहीं होना या दौरे आदि शामिल हैं। इन लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरूरत होती है।