हैचरी कारोबारी का बेटा वहाबी आंदोलन का है समर्थक; टारगेट था गजवा-ए-हिंद को बढ़ावा देना

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(www.arya-tv.com)  आतंकी संगठन ISIS के वॉयस ऑफ हिंद मॉड्यूल के लिए मुस्लिम युवाओं को भर्ती कराने के आरोप में वाराणसी से गिरफ्तार 12वीं पास बासित कलाम सिद्दीकी एक होनहार स्टूडेंट था। पिता अब्दुल कलाम सिद्दीकी अच्छे हैचरी कारोबारी होने के कारण बासित की पढ़ाई-लिखाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखे थे।

कोटा जाकर इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाला बासित वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ISIS की विचारधारा से प्रभावित हुआ। ऑनलाइन माध्यम से ही वह ISIS के बारे में 3 महीने तक गहन अध्ययन किया। फिर, उसने ISIS से जुड़ने का निर्णय लिया और आतंकियों का समर्थक बन गया। वह इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के निर्माण के लिए काम आने वाले घातक रासायनिक पदार्थों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहा था।

ISIS की विचारधारा को फॉलो करने के दौरान ही वह अतिवादी इस्लामी आंदोलन यानी वहाबी आंदोलन से भी प्रभावित हुआ। गैर इस्लामिक रीति-रिवाजों से वह नफरत करने लगा था। वह खुद को अहले-हदीस कहता था।

बासित का टारगेट हिंदू धर्मस्थलों पर हमला करने के साथ ही गजवा-ए-हिंद को बढ़ावा देना था। माना जा रहा है कि कस्टडी रिमांड में जब बासित से NIA पूछताछ करेगी तो वाराणसी से लगायत पूर्वांचल भर में उसके नेटवर्क की थाह लग पाएगी। फिलहाल आज बासित को नई दिल्ली स्थित NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा।

डेढ़ साल से बासित पर थी NIA की नजर

बासित कलाम सिद्दीकी का तीन मंजिला आलीशान घर वाराणसी में मकबूल आलम रोड स्थित खजुरी इलाके में है। बासित की गतिविधियों पर NIA की नजर बीते डेढ़ साल से थी। NIA द्वारा 29 जून 2021 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी दौरान तफ्तीश के दौरान यह सामने आया था कि बासित कलाम सिद्दीकी भारत में ISIS की ओर से कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल था।

NIA द्वारा वॉयस ऑफ हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने और आईएसजेके के आमिर उमर निसार उर्फ ​​कासिम खुरासानी समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रणनीति के तहत एक नई ऑनलाइन पत्रिका वॉयस ऑफ खुरासान के जरिए ISIS के ऑनलाइन प्रचार को बढ़ावा दिया जा रहा था।