(www.arya-tv.com) हो सकता है कि मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर रहे अभिनेता आमिर खान को यह अच्छा न लगे, लेकिन उनकी बिटिया इरा खान ने आखिरकार अपने पिता और मां के तलाक और उसके बाद की अपनी मानसिक स्थिति के बारे में खुलासा कर ही दिया है। आमिर का अपनी पहली पत्नी रीना दत्ता से तलाक 21 साल पहले हुआ। ये उन दिनों की बात है ।जब आमिर खान फिल्म ‘दिल चाहता है’ की शूटिंग करके फारिग हुए थे और उनका नाम फिल्म की हीरोइन प्रीति जिंटा के साथ खूब जोड़ा जाता थआमिर और रीना की बेटी इरा खान हालांकि ये भी कहती हैं कि अपने अवसाद की स्थिति को लेकर वह खुद भी जिम्मेदार हैं,।
लेकिन वह ये मानने में भी संकोच नहीं करतीं कि उनकी मानसिक स्थिति की एक वजह उनके माता-पिता भी हैं। इरा के मुताबिक बचपन में उन्हें लगता था कि वह उदास दिखेंगी तो लोग उनकी तरफ ज्यादा तवज्जो देंगे। इरा अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर खुलकर बात करती हैं और अपने अनुभवों से सबक लेने के बाद वह इसके लिए एक सहायता केंद्र भी अब चलाती हैं।इरा खान कहती हैं, ‘अवसाद थोड़ा मुश्किल विषय है समझाना। ये थोड़ा आनुवांशिक होता है, थोड़ा मनोवैज्ञानिक और थोड़ा सामाजिक होता है।
मेरे मामले में ये थोड़ा आनुवांशिक रहा। मेरे परिवार में भी मानसिक स्वास्थ्य का अतीत रहा है और ये मेरी मां और मेरे पिता दोनों की तरफ से है। जिन्होंने मेरा उपचार किया, उनके मुताबिक मुझे परेशान करने वाली तमाम बातों में सबसे अधिक मेरे माता-पिता ही थे। हालांकि, उन दिनों दोनों ने अपना तलाक जितना बेहतर तरीके से हो सकता था, संभाला था।’इस बारे में और पूछे जाने पर इरा खान ये भी स्पष्ट करने की कोशिश करती हैं कि उनके माता पिता का तलाक आपसी सहमति से हुआ और वह इन दोनों को अपने मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट के लिए दोषी भी नहीं मानती हैं।
इरा के मुताबिक उनके अभिभावकों ने अपने तलाक को सुर्खियां बनने से बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनके मन में इस सब को लेकर कुछ अलग ही चलता रहता था।एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में इरा खान जो सबसे बड़ा खुलासा करती दिखती हैं, वह ये कि वह इस अवसाद के लिए खुद को भी जिम्मेदार मानती है। और, वह इसलिए कि 20 साल तक वह इस मुगालते में जीती रहीं कि दूसरों का प्यार पाने के लिए खुद को दुखी दिखाना जरूरी है।
वह कहती हैं, ‘ये मेरे भीतर फिल्में देख देखकर ही आया। मैं आठ 10 साल की थी और खुद को झूठी हंसी दिखाने के लिए कहती रहती थी। मैं अपनी भावनाएं दबाए रखती थी और इसके चलते मैं बड़ी हुई तो मेरे भीतर कहीं कुछ टूटा हुआ था। और ऐसा इसलिए क्योंकि मुझे लगता था कि मैं ऐसी दिखूंगी तभी लोग मुझे चाहेंगे। ऐसा करते-करते ये मेरी आदत में शुमार हो गया और मैं एक अवसादग्रस्त युवती बन गई।’