यूपी: मुरादाबाद की अयोध्या शुगर मिल पर गन्ना किसानों के साथ 40 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, मालिक और अधिकारियों पर मुकदमा

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उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बिलारी स्थित अयोध्या शुगर मिल्स पर गन्ना किसानों के साथ धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है. किसानों की मेहनत की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने का मामला सामने आया है, जहां मिल प्रबंधन पर 40 करोड़ रुपये से ज्यादा के गन्ना भुगतान को रोकने और 12 करोड़ रुपये के विकास अंशदान को जमा न करने का आरोप है.

लगातार शिकायतों और किसानों के हाहाकार के बाद अब मिल मालिक राणा वीर प्रताप सिंह, मुख्य वित्त अधिकारी गौरव गर्ग, और वरिष्ठ अधिकारी अनिल कुमार मिश्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक गन्ना आपूर्ति का कुल मूल्य 164 करोड़ रुपये से अधिक होने के बावजूद, किसानों को अब तक सिर्फ 124 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. बाकी 40 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी लंबित है. इसके अलावा, विकास अंशदान के 12 करोड़ रुपये भी मिल प्रबंधन ने जमा नहीं किए. किसानों का कहना है कि वे दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं, लेकिन उनकी कमाई मिल मालिकों की तिजोरी में बंद हो जाती है. एक किसान ने गुस्से में कहा कि हम खून-पसीना बहाकर गन्ना उगाते हैं, लेकिन मिल मालिक और अफसर हमारा हक छीनकर ऐश कर रहे हैं. आखिर कब तक यह अन्याय सहन करें?

प्रशासन की कार्रवाई: मुकदमा दर्ज,जांच शुरू

किसानों की शिकायतों के बाद मुरादाबाद के एसपी ग्रामीण कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि गन्ना सचिव की शिकायत पर अयोध्या शुगर मिल्स के मालिक और दो अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर 12 करोड़ रुपये के गन्ना भुगतान और अन्य अनियमितताओं का आरोप है. जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जो साक्ष्य संकलन का काम कर रही है. एसपी ने कहा कि जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

किसानों की मांग: जल्द हो बकाया भुगतान

किसानों ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनका बकाया भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए. कई किसान साहूकारों के कर्ज में डूब चुके हैं, क्योंकि मिल प्रबंधन ने समय पर भुगतान नहीं किया. किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन तेज करेंगे.

क्या है गन्ना घोटाला?

बता दें कि मुरादाबाद के बिलारी में राणा ग्रुप की अयोध्या शुगर मिल्स सहित अन्य मिलों पर कुल 75 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया है. बिलारी मिल पर सबसे ज्यादा 44.59 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. मिल प्रबंधन ने 30 अगस्त 2025 तक भुगतान का वादा किया था, लेकिन भुगतान की गति बेहद धीमी है. किसानों का आरोप है कि गन्ना विभाग के अधिकारी भी इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहे.