मेरठ में ATS ने पकड़े 4 बंग्लादेशी नागरिक, बॉर्डर क्रॉस से फर्जी ID बनवाने की बताई कहानी

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(www.arya-tv.com) बंग्लादेशी घुसपैठियों के आगे पुलिस का खुफिया नेटवर्क भी फेल साबित हो रहा है। अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुए बंग्लादेशी पिछले 10 सालों से भारत में रह रहे हैं। एक स्टेट से दूसरे स्टेट में घूम रहे हैं। मेरठ के धीरखेड़ा में शनिवार देर रात ATS ने ऐसे ही 4 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। जो फर्जी आईडी बनवाकर रह रहे थे।

ATS की पूछताछ में घुसपैठियों ने कुबूल किया कि वह अवैध तरीके से बॉर्डर पार करके बांग्लादेश से आते जाते थे। पुलिस को भनक लगे बिना कैसे ये बांग्लादेशी हिंदुस्तान में रहकर अपना नेटवर्क चलाते हैं यह भी बताया।

TS के पास बांग्लादेशी नागरिकों का अवैध तरीके से भारत में एंट्री कर मेरठ में रहने का इनपुट था। बांग्लादेशी नागरिकों की लोकेशन मेरठ खरखौदा थाना के धीरखेड़ा गांव में बताई जा रही थी। इनपुट के अनुसार, पता चला कि ये बांग्लादेशी बॉर्डर पार कर अवैध तरीके से भारत में घुसे हैं। ये लोग फर्जी कागजात बनवाकर भारत में रह रहे हैं। ये भी सूचना मिली कि ये चारों धीरखेड़ा में एक जूता बनाने की की फैक्ट्री में काम करते हैं।

इनपुट के आधार पर ATS ने सर्चिंग की तो पता चला कि चार बांग्लादेशी धीरखेड़ा में सूर्या इंटरनेशनल जूता फैक्ट्री में काम करते हैं। जिन्होंने गलत सूचनाएं देकर फर्जी आइडी बनवाए। अब चारों बांग्लादेशी भारत में रह रहे हैं। एटीएस टीम शनिवार को इन चारों बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने धीरखेड़ा पहुंची। चारों बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ लिया। एटीएस पकड़कर खरखौदा थाना लाई। चारों पर खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूछताछ की जा रही है

भारत में अवैध तरीके से एंट्री फर्जी डॉक्यूमेंट भी बनवाए

पूछताछ में चारों बांग्लादेशियो ने भारत में अवैध तरीके से प्रवेश से लेकर फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाने की बात कही। उन्होंने बताया कि वह 2021 से सूर्या इंटरनेशनल जूता फैक्ट्री में काम रहे हैं। जबकि मोंटू और मोज्जेम 2021 से पहले लुधियाना पंजाब में एक स्वेटर फैक्ट्री में काम करते थे।

चारों ने बताया कि हम अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुए। अगरतला त्रिपुरा के रहने वाले जोशमिया और बंग्लादेश के शाहजान ने हमें अवैध तरीके से बॉर्डर पार कराया था। भारत से हम लोग हुमांयू खान जो बंग्लादेश का ही रहने वाला है उसके जरिए बांग्लादेश पैसे भेजते रहते हैं।

हम लोग मुख्य रूप से बांग्लादेशी हैं। पिछले कई सालों से अवैध तरीके से बॉर्डर पार करके गैरकानूनी ढंग से भारत में रह रहे हैं। आज तक कोई हमें पकड़ नहीं सका। भारत में आकर खुद को भारतीय नागरिक बनाने के लिए हमने फर्जीवाड़े से गलत तथ्यों के आधार पर अपना आधार कार्ड, पेनकार्ड और दूसरे दस्तावेज तैयार कराए थे। किसी को हम पर शक नहीं हुआ। पहले पंजाब अब मेरठ में रहते आ रहे हैं।

दबिश की सूचना पर भागने की थी तैयारी
चारों ने पूछताछ में कुबूला कि उन्हें एटीएस की इस धरपकड़ की सूचना पहले ही मिली गई है। इसके बाद वो आज बचकर भाग रहे थे। उनकी प्लानिंग शनिवार को ही बांग्लादेश जाने की थी। हमारी योजना मेरठ से भागकर अगरतला के रास्ते बांग्लादेश वापस जोन वाले थे। लेकिन हम भाग नहीं पाए।