बरेली में आशा डायरी घाेटाला : 300 बेड हॉस्पिटल के कमरे में बंद मिली लाखों की आशा डायरी, अब अफसर दे रहे ये सफाई

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(www.arya-tv.com) करोड़ों रुपये की लागत से बना 300 बेड कोविड अस्पताल इलाज से ज्यादा विवादों के लिए चर्चा में रहता है। हजारों कोरोना सैंपल की बात कमरों में ही ‘दफन’ करने की बात को अभी कुछ ही दिन बीते थे। अब एक नया कांड जागरण पड़ताल में सामने आया है।

दरअसल, 300 बेड कोविड अस्पताल के एक कमरे में हजारों की तादाद में ‘आशा डायरी’ ताले में बंद हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की इन आशा डायरी का उपयोग आशाओं का गांव में लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी अपडेट करने के लिए किया जाता है। इसलिए इसे ग्राम स्वास्थ्य सूचकांक रजिस्टर भी कहते हैं। लाखों रुपये कीमत वाली इन आशा डायरी की जगह आशाएं दो साल से निजी रजिस्टर पर डेटा अपलोड कर रही हैं।

3900 के करीब आशा डायरी के लिए 10 लाख का बजट

शासन ने शिशु-मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए पारदर्शिता के साथ डेटा तैयार कर रिपोर्ट बनाने के लिए ये आशा डायरी दी थीं। जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में करीब 3,900 से अधिक आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग को सेवाएं दे रही हैं। ऐसे में हर साल आशा कार्यकर्ताओं को देने के लिए शासन से करीब दस लाख के बजट से डायरी मंगाई जाती है।

आशा डायरी हर साल कार्यकर्ताओं को दी जाती हैं। कुछ अतिरिक्त डायरी मंगवाई गईं होंगी, इसलिए रखवाया गया होगा। अगर डायरी पर वर्ष 2020-21 अंकित हैं तो मामला गंभीर है, संबंधित से जवाब-तलब कर मामले की जांच कराई जाएगी।