स्थायी कुलपति नहीं होने पर AMUTA ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, 2 अप्रैल 2023 को हुआ था पद खाली

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(www.arya-tv.com) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में  2 अप्रैल, 2023 को पूर्व कुलपति तारिक मंसूर के इस्तीफे के बाद, प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर मुहम्मद गुलरेज़ ने 4 अप्रैल को कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला.  6 नवंबर, 2023 को स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) और न्यायालय ने तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाया था. उनमें से एक को नामित करने के लिए शिक्षा मंत्री को भेजा था. लेकिन अंतिम चार में महीनों बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी कुलपति की नियुक्ति नहीं की गयी है.

 कुलपति पैनल में शामिल उम्मीदवार प्रो. एमयू रब्बानी (पूर्व डीन, जेएन मेडिकल कॉलेज) को सर्वाधिक 61 वोट मिले. जबकि प्रो. फैजान मुस्तफा (कुलपति, सीएनएल विश्वविद्यालय, पटना) को 53 और प्रो. नइमा खातून को 53 वोट मिले. (प्रिंसिपल, महिला कॉलेज, एएमयू) को 50 वोट मिले. एएमयू के 104 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला को कुलपति पैनल में शामिल किया गया है.  अगर प्रोफेसर नईमा महिला कुलपति बनती हैं तो वह एएमयू की दूसरी महिला कुलपति होंगी.

मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को
गौरतलब है कि कुलपति पैनल का गठन पहले दिन से ही सवालों के घेरे में है, क्योंकि कुलपति पद की उम्मीदवार प्रोफेसर नईमा खातून के पति कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद गुलरेज ने न केवल अध्यक्षता की है. कार्यकारी परिषद की बैठक, बल्कि पैनल की चयन प्रक्रिया में भी उन्होंने कार्यकारी परिषद और एएमयू कोर्ट की बैठक में मतदान किया.  जिसके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.  अब इस मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को होगी.

‘कुलपति की नियुक्ति जल्द हो’
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद खालिद ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में एएमयू की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया कि विश्वविद्यालय में पिछले एक साल से स्थायी कुलपति नहीं है और हमारे पास शुरू से ही कोशिश है कि जल्द से जल्द स्थायी कुलपति की नियुक्ति हो ताकि विश्वविद्यालय की अव्यवस्थित व्यवस्था को और अधिक बर्बाद होने से बचाया जा सके.

‘परिसर में कानून व्यवस्था की कमी’
मुहम्मद खालिद ने पत्र में यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रशासन को बताया, परिसर में कानून व्यवस्था की समस्या है, सुरक्षा का अभाव है, छात्रों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, हॉल में कमरे उपलब्ध नहीं हैं, कोई बड़ा काम नहीं होता और निर्णय नहीं लिये जाते एएमयू में विदेशी छात्रों की संख्या कम हो रही है, कक्षाएं समय पर नहीं लग रही हैं, छात्रों की उपस्थिति भी प्रभावित हो रही है, परिसर का शैक्षणिक माहौल भी प्रभावित हो रहा है, भोजन और सुरक्षा की समस्या है, इसलिए विश्वविद्यालय को इसकी जरूरत है कि विश्वविद्यालय को  कुलपति मिले ना कि कार्यवाहक कुलपति ,

पत्र में 650 शिक्षकों के हस्ताक्षर
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. ओबैद सिद्दीकी ने कहा कि स्थायी कुलपति के अभाव के कारण विश्वविद्यालय की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा हमने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है जिसमें हमने किसी एक की नियुक्ति की मांग की है. तीन उम्मीदवारों के पैनल का अनुरोध किया गया.उन्होंने आगे कहा कि कार्यवाहक कुलपति विश्वविद्यालय चला रहे हैं जिससे दिक्कतें हो रही हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है जिस पर करीब 650 शिक्षकों के हस्ताक्षर हैं.