इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘चेहरे’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार किया

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(www.arya-tv.com)इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म ‘चेहरे’ की रिलीज के खिलाफ कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि हाई कोर्ट उदय प्रकाश द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई कर रहा था जिसे जिला न्यायाधीश, गाजियाबाद ने खारिज कर दिया था।

2007 में कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन लिया था
उदय प्रकाश ने आनंद पंडित पर कॉपीराइट उल्लंघन का केस दर्ज करवाया था। प्रकाश का दावा है कि उनकी कॉपीराइट की गई स्क्रिप्ट को आनंद पंडित ने चोरी कर लिया था, जो ‘चेहरे’ के निर्माता हैं। याचिका में उदय ने तर्क दिया कि उसने अपने काम के लिए कॉपीराइट कार्यालय नई दिल्ली से 2007 में ‘हाईवे-39’ नाम से कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन लिया था।

  • उदय ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने एक परिचित मजहर कामरान के साथ कॉपीराइट स्क्रिप्ट की चर्चा की, जो आनंद पंडित के साथ कई ऑडियो-विजुअल प्रोजेक्ट्स में बतौर कैमरामैन काम कर रहा था। मजहर कामरान ने उदय को आश्वासन दिया था कि वह कुछ नामी फिल्म निर्माताओं को स्क्रिप्ट दिखाएगा, जिनमें से आनंद पंडित एक थे।
  • जून 2019 में, प्रकाश को फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ सोर्सेस से पता चला था कि पंडित एक ऐसी फिल्म बना रहे हैं जो उनकी स्क्रिप्ट से काफी मिलती-जुलती है।उदय ने यह तर्क भी दिया कि उसने अब तक किसी तीसरे पक्ष को कॉपीराइट वर्क ट्रांसफर नहीं किया है और न ही बेचा है। वह इसे अपने नाम पर ही रखे हुए है। कॉपीराइट के उल्लंघन से उदय के नाम और प्रतिष्ठा का नुकसान हो रहा है।

कोर्ट ने सुनवाई में कहा
जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच ने कहा कि फिल्म और कॉपीराइट किए गए काम को कथित तौर पर चोरी किया गया है। ऐसा लगता है कि वे एक कॉमन सोर्स से आए हैं, और केवल बनाने और डेवलपमेन्ट में भौतिक रूप से भिन्न हैं। हालांकि कोर्ट ने दोनों स्क्रिप्ट्स की तुलना की जिसके बाद यह कहा गया कि दोनों स्क्रिप्ट का कॉन्सेप्ट कॉमन है, लेकिन फिल्म वाली स्क्रिप्ट में कई अंतर हैं।

कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी। हालांकि ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह मुकदमे पर तेजी से फैसला करे और चार महीने के भीतर ट्रायल खत्म करे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी सभी टिप्पणियां टेम्पररी इन्जंक्शन के पहलू पर निर्णय के लिए हैं और मुकदमे पर इसका कोई असर नहीं होगा।