आकाश आनंद ने संभाली राजस्थान की कमान, BJP की परिवर्तन यात्रा से पहले BSP ने खेला दांव

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(www.arya-tv.com) राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ बीजेपी- कांग्रेस के अलावा दूसरी पार्टियां भी जोर आजमाइश में जुट गई है। ऐसे में साल 2023 का विधानसभा चुनाव कड़ा माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अलग रणनीति बनाई है, ताकि सभी 200 विधानसभा सीटों पर अपनी मजबूती दिखाई जाए।

आकाश आनंद ने संभाली राजस्थान की कमान

मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को चुनावी राज्य राजस्थान की कमान सौंप दी गई है। इसके चलते वो राजस्थान में एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। राजस्थान में पार्टी के मजबूत कदम बढ़ाने के लिए आकाश आनंद में हाल ही प्रदेश में एक यात्रा की है।

बीएसपी ने इस यात्रा के जरिए अपने मजबूती स्थिति वाले जिलों में जनसंपर्क बढ़ाने की कोशिश की है। इस यात्रा को संकल्प यात्रा नाम दिया गया है, जो धौलपुर से शुरू हुई। इधर, बीजेपी भी सिंतबर में होने वाली अपनी परिवर्तन यात्रा को लेकर सुर्खियों में है।

बीएसपी को यात्रा से बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद

बताया जा रहा है कि 3577 किलोमीटर की संकल्प यात्रा राजस्थान के सभी 33 ज़िलों और 96 विधानसभाओं से होकर गुजरी है। 14 दिनों बाद 28 अगस्त को इस यात्रा का समापन जयपुर में हुआ है। संकल्प यात्रा में वे 6 सीटें भी शामिल होंगी, जहां से 2018 में पार्टी को जीत मिली थी। इसके अलावा 9 सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। माना जा रहा है कि बीएसपी को इस यात्रा से बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है।

सभी 200 सीटों पर लड़ेगी इस बार बीएसपी चुनाव

बसपा ने राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में पूरे दमखम से उतरने का मन बना लिया है। सूत्रों की मानें तो बसपा इस बार सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। अभी तक पांच प्रत्याशी आधिकारिक रूप से घोषित हो चुके हैं। इनमें धौलपुर, करौली, भरतपुर, और झुंझुनूं में खैतड़ी विधान सभा हैं।

यूपी में मायावती के कार्यकाल को याद दिला मांगे वोट

राजस्थान में बसपा के शीर्ष नेताओं ने आकाश आनंद के नेतृत्व में काम करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। राजस्थान के धौलपुर से शुरू हुई संकल्प यात्रा में राष्ट्रीय समन्यवक आकाश आनंद ने पहले दिन से ही बेरोज़गारी, महंगाई और अपराध नियंत्रण पर युवाओं को बसपा का समर्थन का आह्वान किया । उन्होंने अपने भाषणों में कांग्रेस को आड़े हाथे लेते हुए अशोक गहलोत के इस्तीफे की भी मांग की ।

आकाश आनंद ने एससी/एसटी के प्रति अत्याचार, सस्ती और रोज़गार-संबंधित मुद्दे, सस्ती और सुलभ चिकित्सा सेवा, इन सभी ज्वलंत मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने अपने संबोधनों में मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए पुराने कार्यकाल का हवाला देते हुए राजस्थान की जनता से सुशासन और साफ सुथरी राजनीति का संकल्प लिया है।