8 साल बाद रामपुर फतह से वेस्ट यूपी में बढ़ा बीजेपी का कद, 14 में आठ सीटों पर जमाया कब्जा

Meerut Zone UP

(www.arya-tv.com) भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार आठ साल बाद रामपुर की जीत दर्ज कर वेस्ट यूपी में अपना कद बढ़ा लिया है। बीजेपी के लिए सियासी तौर पर सबसे कमजोर मंडल माने जाने वाले मुरादाबाद में अब एक सांसद हो गया है। अभी तक वेस्ट यूपी की 14 लोकसभा सीटों में से सात सीटें बीजेपी के पास थी, लेकिन आजम खां के गढ़ रामपुर के फतह करने के बाद अब बढ़कर आठ हो गई हैं।

2014 की मोदी लहर में जरूर रामपुर की सीट पर बीजेपी के नेपाल सिंह ने जीतकर कमल खिलाया था लेकिन 2019 में रामपुर से सपा जीती थी। आजम खां अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीतकर बीजेपी से सीट छीन ली थी।

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 2014 के मुकाबले वेस्ट यूपी में कमजोर साबित हुई थी। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने बीजेपी से 17 में सात सीटें छीन ली थी। मुरादाबाद मंडल में तो एक भी सीट 2019 में बीजेपी नहीं जीत सकी थी। मुरादाबाद लोकसभा सीट से एसपी के एसटी हसन जीते थे।

सपा-बसपा गठबंधन ने भाजपा से छीनी थीं कई सीटें

संभल से शफीकुर्रहमान बर्क और रामपुर आजम खां ने सपा को जीत दिलाई थी। बीएसपी को भी मुरादाबाद मंडल में तीन सीटे मिली थी। जिसमें बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी के मलूक नागर, नगीना से नगीना गिरीश चंद और अमरोहा से कुंवर दानिश अली जीते थे। बिजनौर, रामपुर, नगीना, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल सभी छह सीटें सपा-बसपा गठबंधन ने भाजपा से छीनी थी। सातवी सीट सहारनपुर से बीएसपी के फजलुर्रहमान जीते थे।

मुरादाबाद मंडल में खुला बीजेपी का खाता

अब उपचुनाव में रामपुर में बीजेपी ने जीतकर 2019 की हार का बदला ले लिया है। इसी के साथ मुरादाबाद मंडल में बीजेपी का बतौर सांसद खाता भी खुल गया हैं। 2014 में रामपुर सीट पर बीजेपी के डॉक्टर नेपाल सिंह सांसद चुनाव गए थे। तब माना जा रहा था कि आजम खां के गढ़ को मोदी लहर में बीजेपी भेद पाई है लेकिन, उसके बाद रामपुर में हुए चुनाव 2017 के विधानसभा में रामपुर सदर सीट से, 2019 के लोकसभा और 2022 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी हारी और सपा जीती।