तालिबान राज में मजदूर बना अफगान पत्रकार, परिवार का पेट भरने के लिए बना रहा ईंटें

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(www.arya-tv.com) जब तालिबान के कब्जे के बाद से ही अफगानिस्तान के पत्रकारों और मीडिया कर्मियों का बुरा हालइ हो गया है। कई पत्रकार तो देश छोड़कर जा चुके हैं और कईयों ने दूसरी नौकरी भी तलाश कर ली है। बादगीस प्रांत के पश्चिमी फिर्ज कोह शहर में मीडिया आउटलेट्स के लिए काम करने वाले जबीउल्लाह वफा अब एक मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं और अपने 10 लोगों के परिवार का पेट पालने के लिए ईंटें बना रहे हैं।

वफा उन हजारों अफगानों में शामिल हैं, जिन्होंने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के गिरने के बाद अपनी नौकरी या आय का स्रोत खो दिया था। खामा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पिछले 10 वर्षों से बड़घिस प्रांत में एक पत्रकार के रूप में काम किया, लेकिन स्थानीय मीडिया की वित्तीय संकटों के कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

खामा की रिपोर्ट के अनुसार जबीउल्लाह वफा ने कहा, ‘तालिबान के अधिग्रहण के बाद स्थानीय मीडिया आउटलेट्स ने मुझे नौकरी से निकाल दिया और मुझे बिना नौकरी के भटकते हुए दो महीने हो गए। अपने परिवार का पेट भरने के लिए मैंने अपने पिता के साथ ईंट बनाने का काम करने का फैसला किया।

टोलो न्यूज ने बताया कि आर्थिक संकट के अलावा, तालिबान पत्रकारों के सूचना के अधिकार को प्रतिबंधित कर रहा है, जिससे मीडिया संगठनों के काम में बाधा आ रही है। एक पत्रकार ने बताया, ‘मीडिया विज्ञापनों पर निर्भर है, लेकिन अभी कोई विज्ञापन नहीं है।

विज्ञापनों के अभाव में उन्हें वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।’ इससे पहले तालिबान द्वारा नियुक्त सूचना और संस्कृति के उप मंत्री जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि देश में स्वतंत्र मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।