योगी सरकार का फैसला, कानपुर व बनारस में लागू होगा कमिश्नरेट

Lucknow

लखनऊ(www.arya-tv.com) लखनऊ और नोएडा के बाद प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू कर दी गई है।

बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसपर निर्णय लिया गया। दोनों ही जिलों को दो-दो हिस्सों में बांट दिया गया है। वाराणसी में वाराणसी नगर और ग्रामीण और कानपुर में कानपुर नगर व कानपुर आउटर के रूप में बांटा गया है।

कैबिनेट के निर्णय के बाद अब उक्त दोनों जिलों में पुलिस कमिश्नर की तैनाती की जाएगी। वाराणसी नगर में पुलिस कमिश्नर और ग्रामीण में एसपी को कमान सौंपी जाएगी। इसी तरह कानपुर नगर में पुलिस कमिश्नर और कानपुर आउटर में एसपी को जिम्मेदारी दी जाएगी। जिलाधिकारी का दखल ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहेगा। नगर क्षेत्र कमिश्नरेट में कानून व्यवस्था में जिलाधिकारी का दखल नहीं रहेगा।

वाराणसी में दो और कानपुर में होंगे चार जोन

वाराणसी और कानपुर को दो-दो भागों में बांटा गया है। वाराणसी नगर में 18 पुलिस थाने होंगे जबकि वाराणसी ग्रामीण में 10 थाने होंगे। इसी तरह कानपुर नगर में 34 थाने होंगे और कानपुर आउटर में 11 थाने होंगे। वाराणसी नगर को दो जोन में जबकि कानपुर नगर को चार जोन में बांटा गया है। हर जोन में डीसीपी की तैनाती की जाएगी।

क्या है पुलिस कमिश्नर प्रणाली

पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों का दखल खत्म हो जाएगा। क्योंकि पुलिस को ही मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाएंगे। उसे मजिस्ट्रेट की तरह दंगे-फसाद के दौरान लाठीचार्ज, फायरिंग, गिरफ्तारी करने के आदेश देना, धारा 144 लागू करने की शक्ति मिल जाती है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन, जुलूस आदि की अनुमति भी कमिश्नर दे सकता है। फिलहाल यह सभी अधिकार जिला मजिस्ट्रेट के पास होते हैं।