(www.arya-tv.com) पहले प्रोफेसर फिर निजी कॉलेज में प्रिंसिपल बने। 10 साल जॉब करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। मशरूम की खेती के लिए वियतनाम जाकर ट्रेनिंग ली। इसके बाद घर में ही कोर्डीशेप (कीडाजड़ी) वैरायटी का मशरूम उगाना शुरू किया। महज 500 वर्गफीट में खेती से सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपए तक पहुंच गया है।
यह शख्स हैं महलगांव निवासी डॉ. एचएस गोस्वामी। डॉ. गोस्वामी ने बताया कि 2018 से मशरूम उगा रहे हैं। हर माह एक लाख रुपए तक इससे कमा लेते हैं। वे मशरूम से जुड़े 48 प्रकार के प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं। इसमें हेयर ऑयल, कास्मेटिक, बॉडीलोशन, हर्बल फेसपैक आदि शामिल हैं।
काजू-बादाम से 50 गुना महंगा
डॉ. गोस्वामी के अनुसार कोर्डीशेप मशरूम ठंडे क्षेत्र में होता है। इसकी खेती सबसे अधिक नेपाल, भूटान, चीन और तिब्बत में होती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस मशरूम की कीमत लगभग 3 लाख रुपए किलो तक है। भारत में यह 50 हजार रुपए किलो तक बिकता है। यानी यह काजू-बादाम से 50 गुना महंगा है।
डॉ. गोस्वामी हर माह 5 किलो तक मशरूम उगाते हैं। यह लैब में बोतल के ऊपर तैयार हाेता है। बोतल में ब्राउनराइस डाला जाता है। एक बोतल में करीब 15 ग्राम मशरूम निकलता है। एक बोतल में मशरूम तैयार करने में लगभग दो माह का समय लगता है।
बाजार में ऑनलाइन बेच रहे हैं अखबार से बनाई पेंसिल
एमटेक कर चुके फलित गोयल पर्यावरण प्रेमी हैं। वह यही सोचते रहते थे कि आखिर पेड़ों को कटने कैसे बचाया जाए। उन्होंने अखबारी कागज से पेंसिल बनाने का काम शुरू किया, जिसकी बाजार में काफी मांग है। हर साल पेंसिल बनाने के लिए देश में लगभग 80 हजार पेड़ काटे जाते हैं। इन पड़ों को बचाने के लिए अब घर पर ही रद्द अखबार से पेंसिल, पेन व टूथ ब्रेश तैयार कर बाजार में ऑनलाइन बेच रहे हैं।