(www.arya-tv.com) कॉलेज के प्रोफ़ेसर नोवी कपाडिया का आज यहाँ लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। आजीवन अविवाहित रहे नोवी कपाडिया दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत होने के बाद लम्बे समय तक बीमार रहे और अंतत: वेंटिलेटर पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
नोवी कपाडिय़ा का नाम आते ही एक बेहद शांत, निर्मल और निश्छल फुटबाल प्रेमी और फुटबाल का अथाह सागर सामने आ खड़ा होता है। बेशक, वह भारत में फुटबाल के सबसे बड़े जानकार थे। दिल्ली से लेकर कोलकाता तक भारतीय और विश्व फुटबाल का सम्पूर्ण ज्ञान उनके टिप्स पर रहता था। ज़ाहिर है कि वे देश में फुटबाल के सबसे बड़े जानकार थे और भारतीय खिलाड़ी उनका नाम बड़े आदर के साथ लेते थे।
नोवी ने अपने लम्बे पत्रकारिता जीवन में अनेक किताबें लिखीं , जिन्हें देश विदेश में बेहद पसंद किया गया। लेखन के साथ साथ वह फ़ुटबाल कमेंट्री के भी विशेषज्ञ थे और दूरदर्शन तथा अन्य चैनलों पर उन्हें अक्सर देखा सुना जाता रहा। खासकर विश्व कप के चलते उनकी आवाज और ज्ञान का जादू सर चढ़ कर बोलता था। बहुत कम लोग जानते हैं कि वह दिल्ली के कुछ फुटबाल क्लबों से भी जुड़े रहे। सत्तर अस्सी के दशक में उन्होंने हिन्दू ओल्ड ब्वायज और अशोका क्लब के लिए मिडफील्ड में भूमिका का निर्वाह किया और कई अच्छे मैच भी खेले ।
देश के अनेक अंतर्राष्ट्रीय खिलाडियों, फुटबाल हस्तियों , क्लबों और फेडरेशन अधिकारियों ने नोवी के जाने को फुटबाल के लिए बड़ी क्षति बताया । दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजेइ) और एसजेएफआई ने उनके देहांत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। दिल्ली फुटबाल एसोसिएशन और अखिल भारतीय फुटबाल संघ ने भी उनके जाने को खेल के लिए बड़ा आघात कहा।