(www.arya-tv.com)मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में उनकी पार्टी के विधायक के लेटर पैड पर जाली हस्ताक्षर करके जालसाजों ने दो फर्म के माध्यम से 4.89 करोड़ रुपए का ठेका हासिल कर लिया। इसमें एक जालसाज अपने इलाके का हिस्ट्रीशीटर भी है। जिसने पत्नी के नाम पर ठेका लिया है। विधायक को इस जालसाजी की जानकारी तब हुई, जब गांववालों ने बगैर शिलान्यास के निर्माण कार्य होने की जानकारी उन्हें दी। पुलिस ने इस मामले में कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह की तहरीर पर कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है।
जांच में सामने आया कि, विधायक के जाली हस्ताक्षर कर 4.89 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क का ठेका गोरखनाथ इलाके के ईडब्ल्यूएस-1 ललितपुरम राजेन्द्र नगर निवासी ठेकेदार रीना सिंह और 12, नथमलपुर के रहने वाले मेसर्स अजय कंस्ट्रक्शन ने ले लिया है। फुलवरिया, पचगांवा, मड़हा, बरगदही में इंटरलाकिंग सड़क और नाली निर्माण के काम का विधायक फतेह बहादुर सिंह के पैड पर फर्जी प्रस्ताव बनाया गया। इसके बाद विभाग ने 4.89 करोड़ का टेंडर कर दोनों फर्मों को काम जारी कर दिया। विधायक के एफआईआर कराने के बाद विभाग को पता चला कि ऐसा कोई प्रस्ताव विधायक की ओर से दिया ही नहीं गया है।
विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एसएसपी डॉक्टर सुनील गुप्ता से शिकायत करते हुए बताया कि उनके पैड पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर समाज कल्याण निर्माण निगम (यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड) से ठेका हासिल कर लिया गया। आरोप सही मिलने पर कैंट थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कभी मायावती के खास थे फतेह बहादुर सिंह
विधायक फतेह बहादुर सिंह यूपी के पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह के पुत्र और कभी बसपा सरकार में वन मंत्री रहे हैं। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का काफी करीबी माना जाता रहा है। वे हमेशा विधानसभा सत्र के दौरान वे मायावती के दाहिनी कुर्सी पर बैठे दिखाई देते रहे हैं। लेकिन, वक्त के साथ हालात भी बदले और बसपा से कैबिनेट मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह की मायावती से दूरियां बढ़ गईं।
साल 2017 में भाजपा ने टिकट दिया
इसके बाद उन्होंने साल 2012 में एनसीपी के समर्थन से निर्दल टिकट पर कैम्पियरगंज से चुनाव लड़कर अपनी ताकत का अहसास कराया। भाजपा का घर कहे जाने वाले कैम्पियरगंज में उन्होंने जीत हासिल कर अपना परचम लहराया, तो साल 2017 में भाजपा ने उन्हें टिकट दे दिया। फतेह बहादुर सिंह ने जीत हासिल कर न सिर्फ भाजपा के शीर्ष नेताओं का विश्वास जीता, बल्कि योगी आदित्यनाथ का मान भी रखा।