प्रदर्शनकारियों पर साध्वी का व्यंग, कहा-प्रोटेस्ट है या पिकनिक?

Lucknow

यूपी का मुख्यमंत्री है बहुत निर्मोही और निर्दयी!

‘प्रोटेस्ट-पिकनिक” का सुख उससे देखा नहीं गया!

साभार- डॉक्टर साध्वी प्राची की फेसबुक वाल से

लखनऊ में भी दिल्ली की तरह शाहीनबागिया “प्रोटेस्ट-पिकनिक” की नौटंकी प्रारम्भ की गई।

क्योंकि योगी बाबा की सरकार है अतः सड़क घेरने की हिम्मत नहीं हुई।

इसलिए नौटंकीबाजों ने एक पार्क में अपना अड्डा बनाया।

पार्क में बेहतरीन किस्म का वेदरप्रूफ़ तम्बू मंगवाया गया, जाड़ा भगाने के लिए विशाल अलाव सुलगाया गया।

उम्दा किस्म के कम्बल रज़ाई गद्दों का ढेर लगा दिया गया।

“बड़े” की गरमागरम बिरयानी कबाब नान-रोटी की 24 घण्टे नॉन स्टॉप सप्लाई के लिए विशाल तंदूर और हांडियां भी मंगा ली गईं।

और फिर सौ-डेढ़ सौ “धरनावालियों” के साथ “प्रोटेस्ट पिकनिक” शुरू की गई।

50 लाख से अधिक आबादी वाले लखनऊ में सौ-डेढ़ सौ “धरनावालियों” के जमावड़े की वंदना में लुटियनिया दिल्ली का मीडिया बेसुध होकर झूमने लगा। #NDTV और #आजतक न्यूजचैनल के एडीटर एंकर रिपोर्टर भक्तिभाव से सराबोर होकर इन सौ-डेढ़ सौ धरनावालियों के भजन गाने लगे, जयकारे लगाने लगे।

देश की आंखों में यह कहकर धूल-मिर्चा उड़ाने लगे कि CAA NRC के विरोध में लखनऊ उमड़ पड़ा है।

लेकिन हाय रे निर्मोही निर्दयी मुख्यमंत्री योगी…!!!

सौ-डेढ़ सौ धरनावालियों का यह “प्रोटेस्ट सुख” उत्तरप्रदेश के निर्मोही निर्दयी मुख्यमंत्री योगी बाबा से देखा नहीं गया।

पार्क में बने प्रोटेस्ट अड्डे पर पुलिस पहुंच गई और उसने पूरी नौटंकी पर पानी फेर दिया।

पुलिस ने नौटंकी बाजों को बहुत साफ शब्दों में बता दिया कि प्रोटेस्ट को प्रोटेस्ट की तरह करो, पिकनिक की तरह नहीं।

यहां तम्बू तानकर, रज़ाई कम्बल के साथ चूल्हा चौका रसोई नहीं सजेगी। लंगर नहीं चलेगा।

यह कहकर पुलिस ने “प्रोटेस्ट पिकनिक” का सारा सामान जब्त कर लिया।

इस समान की व्यवस्था करने वाले, इस प्रोटेस्ट पिकनिक के स्पांसरर्स का लट्ठ पूजन करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।

पार्क में स्थित सरकार के सार्वजनिक शौचालय पर मोटा ताला जड़ दिया।

दहकते अलाव पर कई ड्रम पानी उंड़ेला और कहा कि अब जबतक चाहो तबतक नियमानुसार प्रोटेस्ट करो।

बिना तम्बू के खुले आसमान के नीचे कटी बीती रात में नौटंकीबाजों के बदन ही नहीं, रूह भी कांप गयी है।

शाहीन बागिया टेक्नीक से बुलाई गई “धरनावालियों” ने टका सा जवाब दे दिया है कि 500 के लिए जान थोड़े ही दे देंगे।

संख्या सैकड़े से घटकर दहाइयों तक हो गई है… आगे आगे देखिए होता है क्या… लेकिन यह तो मानना ही पड़ेगा कि यूपी का मुख्यमंत्री है बहुत निर्मोही और निर्दयी