परीक्षण के साथ दर्ज होने लगा बच्चों का रिकार्ड, सीएचसी में हर शनिवार अतिकुपोषित बच्चों की होगी जांच

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जिले में बाल विकास पुष्टाहार विभाग प्रत्येक शनिवार को अतिकुपोषित बच्चों का परीक्षण करके मौके पर उनका रिकार्ड दर्ज करने लगा है। मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन की पहल से रिकार्ड में पारदर्शिता आई है और बच्चों को उपचार मिलने से सेहत में सुधार हुआ है।

विभाग की ओर से प्रत्येक माह कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का वजन, लंबाई आदि प्रक्रिया के माध्यम से चयन किया जाता है। इनका विवरण पोषण ट्रैकर एप पर फीड होता है। सेहत सुधारने के लिए पोषाहार व अन्य चीजें दी जाती हैं और अतिकुपोषित बच्चों को अस्पताल के एनआरसी वार्ड में भर्ती कराया जाता है। लेकिन, स्वास्थ्य परीक्षण का रिकार्ड दर्ज नहीं होता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर अतिकुपोषित बच्चों का विभाग परीक्षण करके मौके पर विवरण ऑनलाइन दर्ज करने लगा है। परीक्षण के दौरान परामर्श और छह तक की दवाएं दी जाती हैं और ज्यादा अतिकुपोषित बच्चा मिलने पर सीधे एनआरसी वार्ड में भर्ती कराते हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रयेश कुमार ने बताया कि दो माह में 187 अतिकुपोषित बच्चों का सीएचसी में परीक्षण कराकर 25 बच्चे एनआरसी वार्ड में भर्ती कराएं हैं।