उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (Uttar Pradesh Real Estate Regulatory Authority) ने कुछ ‘डेवलपर’ (बिल्डर) द्वारा घर खरीदारों से भुगतान की राशि अनधिकृत खातों में जमा कराये जाने पर चिंता जताते हुए आवंटियों से ऐसे उल्लंघन के मामलों की तुरंत सूचना देने का आग्रह किया है.
यूपी रेरा ने कहा कि बिल्डर की ऐसी अनियमितता न सिर्फ नियामक द्वारा की जाने वाली निगरानी को कमजोर करती है, बल्कि घर खरीदारों को वित्तीय जोखिम में भी डालती है. नियामक ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक सुविधा शुरू की है. अगर कोई बिल्डर अनधिकृत खाते के अलावा किसी अन्य खाते में भुगतान राशि लेता है तो आवंटी वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
‘कुछ बिल्डर्स कर रहे इस प्रणाली का दुरुपयोग’
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “कुछ बिल्डर इस प्रणाली का दुरुपयोग कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” रेरा के नियमों के तहत, बिल्डर को अपनी हर परियोजना के लिए बताये गये बैंक खाते में ही भुगतान प्राप्त करना होता है और प्रचार सामग्री तथा खरीदार के दस्तावेजों में इस जानकारी का खुलासा करना होता है.
यूपी रेरा ने कहा कि इस खाते में एकत्रित धनराशि का 70 प्रतिशत प्रतिदिन एक ‘एस्क्रो खाते’ में स्थानांतरित किया जाता है और इसका उपयोग केवल परियोजना विकास के लिए किया जाता है, जिससे उस परियोजना का समय पर पूरा होना और वितरण सुनिश्चित होता है.
क्या है एस्क्रो खाता?
‘एस्क्रो खाता’ एक सुरक्षित, अस्थायी तृतीय-पक्ष खाता है जिसमें कुछ शर्तें पूरी होने तक धन या संपत्ति रखी जाती है जिससे लेनदेन में शामिल पक्षों को धोखाधड़ी या जोखिम से सुरक्षा मिलती है. एक तटस्थ मध्यस्थ यानी ‘एस्क्रो एजेंट’ इस खाते का प्रबंधन करता है.
नियामक निगरानी को मजबूत करने के लिए रिपोर्टिंग सुविधा शुरू
नियामक ने कहा कि इन दिशानिर्देशों के बावजूद बिल्डर द्वारा भुगतान की राशियों को अन्य बैंक खातों में लिये जाने के कई मामले सामने आए हैं. इसी वजह से नियामक निगरानी को मजबूत करने के लिए रिपोर्टिंग सुविधा शुरू की गई है. संजय भूसरेड्डी ने घर खरीदारों से आग्रह किया है कि वे सतर्क रहें और अपने निवेश की सुरक्षा के लिए शिकायत करने की सुविधा का इस्तेमाल करें.