उत्तर प्रदेश के 45 हजार प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें पीआरडी जवानों को उत्तर प्रदेश पुलिस और होमगार्ड के समान वेतन देने का आदेश दिया गया था.
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है. सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह सभी 45 हजार पीआरडी जवानों को यूपी पुलिस और होमगार्ड के समान वेतन देने पर फैसला लें.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले केवल उन पीआरडी जवानों को समान वेतन देने का आदेश दिया था जिनकी याचिका कोर्ट में लंबित थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह लाभ सभी 45 हजार पीआरडी जवानों को मिलना चाहिए.
वकील विनोद शर्मा ने बताया कि सभी जवान होमगार्ड एक्ट बनने से पहले से काम कर रहे हैं. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पीआरडी जवानों ने समान वेतन को लेकर इलाहाबाद और नैनीताल हाईकोर्ट का रुख किया था. उन्होंने मांग की थी कि होमगार्ड और पीआरडी जवानों का काम एक जैसा ही है, इसलिए समान वेतन दिया जाए. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले केवल उन पीआरडी जवानों को समान वेतन देने का आदेश दिया था, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस फैसले के बाद यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने सभी जवानों के हक में फैसला सुनाया है.
‘हम कोर्ट के फैसले से काफी खुश’
उन्होंने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार के पक्ष को खारिज कर दिया. साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि सभी 45 हजार पीआरडी जवानों को तब तक वेतन मिले, जब तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं आ जाता.’
पीआरडी जवान संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले से काफी खुश हैं. इससे सभी जवानों को लाभ होगा.
वहीं, अन्य जवान ने कहा कि हमने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ी और आज हमारी जीत सुप्रीम कोर्ट में हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी जवानों को समान वेतन देने का आदेश दिया है.