रामलला हम आएंगे—मंदिर वहीं बनाएंगे: बाबरी विध्वंस की बरसी आज, राम भक्तों ने गिराया है विवादित ढांचा

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(www.arya-tv.com) आज 6 दिसंबर है और आज का दिन राम भक्तों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। राम भक्त और कारसेवक आज के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाते आएं हैं। आज से 30 साल पहले 1992 को बाबरी मस्जिद के विवादित के ढांचे को गिरा दिया गया था।

बाबरी मस्जिद का विवाद
अयोध्या की बाबरी मस्जिद का विवाद कोई नया विवाद नहीं है। यह कई सौ साल पुराना विवाद है। मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1528-29 में राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था। इसी के बाद से बाबरी मस्जिद का विवाद चल रहा था लेकिन 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर निर्माण का इतिहासिक फैसला लिया। जिसके बाद से राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। राम मंदिर के निमार्ण के लिए भूमि पूजन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।

1949 में बाबरी मस्जिद में प्रकट हुई थी राम मूर्तियां
1949 में मस्जिद में राम मूर्तियां मिलने के बाद बाबरी मस्जिद का विरोध होना शुरू हो गया। हिन्दुओं और मुसलमानों के दोनों पक्षों द्वारा इस विरोध के मामले दर्ज कराए गएं। बाद में सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर मस्जिद में ताला लगा दिया।

बाबरी विध्वंस के समय अयोध्या में मौजूद थे डेढ़ लाख कारसेवक
6 दिसंबर का वह दिन जब अयोध्या में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया। इस दिन अयोध्या में डेढ़ लाख से ज्यादा की संख्या में कारसेवक मौजूद थे और उन्होंने 5 घंटों में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया था।

इस दिन रामलला हम आएंगे—मंदिर वहीं बनाएंगे, एक धक्का और दो, बाबरी तोड़ दो के नारे अयोध्या में चारों ओर गूंज रहे थे। बाबरी मंस्जिद का विरोध कर रहे हिंदुत्ववादी भीड़ पर यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने पुलिसकर्मियों को गोलियां चलाने का आदेश दिया,जिसमें एक कारसेवक मारे गए। (सरकार के अनुसार 16 कारसेवक मारे गए थे।)