कानपुर में 6 हजार रुपए के लिए नहीं हुए फेरे:सज-धज कर बैठी रही दुल्हन

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(www.arya-tv.com) कानपुर के सामूहिक विवाह में दो हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं। तनु और आकाश एक-दूजे के साथ सात जन्म के बंधन में बंधने के लिए सामूहिक विवाह समारोह में पहुंचे। लेकिन उन्हें शादी करने से रोक दिया गया। उनका नाम शादी करने वाले जोड़ों की लिस्ट में नहीं था। बाद में पता चला कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। दोनों ने शादी के लिए एक संस्था को विवाह कराने के लिए 6 हजार रुपए दिए थे। वहीं, दूसरे मामले में दुल्हन सज-धजकर बारात का इंतजार करती रही, लेकिन दूल्हा नहीं आया। इसके बाद दुल्हन रोते हुए घर चली गई।

केस-1:

6 हजार रुपए लेकर फरार हो गया शख्स

कांशीराम कॉलोनी सनिगवां निवासी तनु पिता राजू और अन्य रिश्तेदारों के साथ मोतीझील लॉन में सामूहिक विवाह में शादी करने के लिए पहुंची थी। कर्नलगंज निवासी पति आकाश तिवारी भी उनके साथ था। जब मौके पर पहुंचे तो पता चला उनका नाम लिस्ट में नहीं है। आकाश ने बताया कि एक संस्था ने उनका विवाह कराने के नाम पर 6 हजार रुपए लिए थे, लेकिन अब वो व्यक्ति गायब है। उसका मोबाइल नंबर भी ऑफ है।

पुलिस से की शिकायत
लिस्ट में नाम न होने पर परिजनों ने अधिकारियों से काफी सवाल-जवाब पूछे। आकाश ने इसकी शिकायत पुलिस और अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव से की है। आकाश ने बताया कि हम दोनों ही परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसलिए सामूहिक विवाह में शादी करने आए थे। मां ने पैसे जोड़-जोड़कर 6 हजार रुपए जमा कर दिए थे। अब टप्पेबाजी हो गई।

केस-2:

दुल्हन मंडप में बैठी रही, दूल्हा बारात लेकर नहीं आया
सामूहिक विवाह समारोह में एक ऐसा भी मामला आया कि दुल्हन दूल्हे का इंतजार करती रही, लेकिन दूल्हा आया ही नहीं। ढकनापुरवा निवासी रोशनी पिता सुरेश कुमार और अपने परिवार के साथ शादी करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने नगर निगम से उपहार भी ले लिए। रश्में शुरू होने के बाद भी जब दूल्हा नहीं आया तो परिवार से संपर्क किया गया।कंचनपुरवा, शुक्लागंज निवासी दूल्हा दीपक कुमार ने शादी करने से इनकार कर दिया। रोशनी के भाई बाबू कुमार ने बताया कि 6 महीने पहले रिश्ता तय हुआ था, लेकिन मौके पर दीपक ने शादी करने से इनकार कर दिया।