15 अगस्त तक स्पेक्ट्रम अलॉकेशन और साल के अंत तक 5G सर्विस

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(www.arya-tv.com) भारत की पहली 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन मंगलवार को चार राउंड के बाद सरकार को ₹1.45 लाख करोड़ की रिकॉर्ड बोलियां मिली हैं। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई की नीलामी बुधवार तक पूरी हो जाएगी। अश्विनी वैष्णव ने ये भी कहा कि 2022 के अंत तक लोग कई शहरों में 5जी का अनुभव कर सकेंगे।

1.45 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाने के साथ ही सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी से आय का पिछला रिकॉर्ड पार कर लिया है जो 2015 में बना था। उस समय सरकार ने 4G स्पेक्ट्रम की बिक्री से 1.09 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। इस बार नीलामी में 4.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 72 GHz स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा गया है। इसकी वैलिडिटी 20 साल की होगी।

नीलामी विभिन्न लो फ्रीक्वेंसी बैंड, मीडियम और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड रेडियो वेव्स के लिए हो रही है। इसमें सफल रहने वाली कंपनी 5G सर्विस मुहैया करा सकेंगी। भारत में 5G के मौजूदा 4G सर्विस से करीब 10 गुना तेज होने का दावा किया जा रहा है। बोली मंगलवार सुबह शुरू हुई थी। रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडाणी डेटा नेटवर्क्स बोली में शामिल है।

4G से करीब 10%-15% महंगा होगा 5G
अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘5G सर्विसेज का टैरिफ इंडस्ट्री तय करेगी। इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।’ वहीं इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि 5G सर्विसेज के टैरिफ को 4G के बराबर लाने से पहले शुरुआत में इसे 10-15% के प्रीमियम पर पेश किया जाएगा।

15 अगस्त तक स्पेक्ट्रम अलॉकेशन प्रोसेस पूरी
मंत्री ने कहा, ”हम 15 अगस्त तक स्पेक्ट्रम अलॉकेशन की प्रोसेस पूरी कर लेंगे ताकि इंडस्ट्री 5G सर्विस शुरू करने के लिए तैयार हो सके। उसके बाद टेलीकॉम कंपनियां सितंबर-अक्टूबर तक उपकरणों को स्थापित करने और सेवा शुरू करने का लक्ष्य लेकर काम करेंगी।”

700 MHz में ज्यादा इंटरेस्ट
वैष्णव ने कहा, “सभी जरूरी बैंड – 700 MHz, C-बैंड (3.3-3.6 GHz), और mmवेव (26 GHz) में बिडर्स की रुचि देखी गई है। इससे पता चलता है कि इंडस्ट्री अपने कठिन समय से उबर चुकी है।” पहली बार नीलामी में रखे गए 600 MHz, 800 MHz और 2300 MHz बैंड को बोली नहीं मिली।