उत्तर प्रदेश में 80 दिन में 10 बड़े एनकाउंटर:जालौन में सिपाही की हत्या के 4 दिन बाद हत्यारोपी ढेर

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(www.arya-tv.com) यूपी के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड के 80 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान यूपी पुलिस और एसटीएफ ने 10 वांटेड अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया है। जो अभी भी फरार हैं उन्हें डर है कि कहीं अगला नंबर उन्हीं का न हो। कल यानी 14 मई की दोपहर UP पुलिस ने एनकाउंटर में दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया। एसपी के मुताबिक, इन दोनों बदमाशों ने 4 दिन पहले यानी 10 मई को ड्यूटी में तैनात सिपाही भेदजीत सिंह की हत्या कर दी थी। चलिए पहले आपको जालौन में हुए डबल एनकाउंटर की कहानी बताते हैं। फिर बारी-बारी 80 दिनों में मारे गए मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स के बारे में जानेंगे…

  • जालौन डबल एनकाउंटर की कहानी शुरू होती है चौकी पर तैनात सिपाही की हत्या से…

    9/10 मई की रात उरई की हाईवे चौकी पर सिपाही भेदजीत ड्यूटी पर थे। तभी उन्हें सूचना मिलती है कि 2 बदमाश फैक्ट्री एरिया में लोहा चोरी कर रहे हैं। इस इनपुट के आधार पर भेदजीत अलर्ट हो गए, वह चौकी के पास ही थे तभी उन्हें बदमाश दिखाई दिए।

    सिपाही भेदजीत ने उनका पीछा किया। इससे गुस्साए बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग में वह बच गए लेकिन बदमाशों ने उन्हें पकड़कर भारी हथियार से उन पर हमला कर दिया। इसमें भेदजीत की मौत हो गई। जब उनकी बॉडी मिली तब उनके शरीर पर 25 चोटों के निशान थे। पर्स और मोबाइल गायब थे।

    चौकी पर तैनात सिपाही की हत्या की खबर ने जालौन पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। जालौन SP ई राजा ने भेदजीत की हत्या करने वाले बदमाशों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।

    14 मई को एनकाउंटर से पहले फिर एक इनपुट मिला
    डबल एनकाउंटर पर जालौन के SP ई राजा ने बताया, “हमें सूचना मिली थी कि दोनों बदमाश उरई के पास फैक्ट्री एरिया में आने वाले हैं। इस आधार पर हमारी टीमें मौके पर पहुंची। सबसे पहले हमने इलाके की घेराबंदी की। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी।”

    “12 बजे के बाद बदमाश वहां पहुंचे तो हमने उन्हें रुकने का इशारा किया। लेकिन वह नहीं माने। इस बीच, उरई SHO शिव कुमार राठौर और 2 सिपाहियों ने उनका पीछा किया तो बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें SHO के हाथ पर गोली लग गई। जबकि 2 सिपाही बुलेट प्रूफ जैकेट की वजह से बच गए।”

    “बदमाश लगातार फायरिंग कर रहे थे। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इससे दोनों बदमाश घायल हो गए। फायरिंग रुकी तो पुलिस दोनों के पास पहुंची। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मारे गए अपराधियों की पहचान कल्लू अहिरवार और रमेश के रूप में हुई। दोनों उरई के ही रहने वाले थे। बदमाशों के पास से भेदजीत का टूटा हुआ मोबाइल और उनका पर्स भी बरामद हुआ है।”