24 को बाइडेन से पहली बार आमने-सामने मुलाकात करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

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(www.arya-tv.com)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। बाइडेन ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री से उनकी आमने-सामने यह पहली मुलाकात होगी। हालांकि, दोनों की बीच तीन वर्चुअल मीटिंग्स हो चुकी हैं। व्हाइट हाउस ने सोमवार देर रात इस हफ्ते होने वाली मुलाकात की पुष्टि कर दी। मोदी 23 सितंबर को वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस से भी मुलाकात करेंगे।

सोमवार को ही व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति बाइडेन का साप्ताहिक कार्यक्रम भी घोषित किया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात का जिक्र किया गया है।

व्हाइट हाउस ने पुष्टि की
न्यूज एजेंसी से बातचीत में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर आ रहे हैं। 23 सितंबर को उनकी मुलाकात वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस से होगी। इसके अगले दिन यानी 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में प्रेसिडेंट बाइडेन भारत के प्रधानमंत्री को होस्ट करेंगे। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के रिश्ते और ज्यादा मजबूत हों।

इस अधिकारी ने आगे कहा, “बाइडेन-हैरिस एडमिनिस्ट्रेशन भारत के साथ अपनी ग्लोबल पार्टनरशिप को नए आयाम देना चाहती है। हम चाहते हैं कि हिंद और प्रशांत महासागर में आवाजाही को आसान बनाया जाए। कोविड को खत्म करने के लिए भी दोनों देश सहयोग जारी रखेंगे। क्लाइमेट चेंज और कुछ दूसरे मुद्दों पर भी दोनों नेताओं की बातचीत होगी।”

फोन पर भी बातचीत होती रही
प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन को 17 नवंबर 2020 को फोन किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन को राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई दी थी। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच 8 फरवरी और 26 अप्रैल को फोन पर बातचीत हुई थी। कमला हैरिस ने भी 3 जून को मोदी से फोन पर चर्चा की थी। मोदी सितंबर 2019 में आखिरी बार अमेरिकी दौरे पर गए थे। तब डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हाउडी मोदी प्रोग्राम में हिस्सा लिया था। इसके बाद कोविड का दौर शुरू हुआ। मोदी ने इस दौरान सिर्फ मार्च में बांग्लादेश का दौरा किया था।

क्वॉड पर भी फोकस
24 सितंबर को ही बाइडेन क्वॉड देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे। इसमें बाइडेन और मोदी के अलावा जापान के प्रधानमंत्री सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन हिस्सा लेंगे। वैसे तो यह असैन्य संगठन है, लेकिन हिंद और प्रशांत महासागर में चीन की हरकतों और विस्तारवादी नीतियों को देखते हुए इन चार देशों का साथ आना बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा सकती है।

सुरक्षा पर चर्चा होगी
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, क्वॉड की मीटिंग में कई अहम मसलों पर चर्चा होगी। इनमें नई टेक्नोलॉजी, सायबर सिक्योरिटी, समुद्र सुरक्षा, मानवीय सहायता और डिजास्टर मैनेजमेंट के अलावा क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे शामिल होंगे। चीन के रवैये को लेकर किसी कारगर रणनीति पर भी विचार किया जा सकता है, क्योंकि क्वॉड देशों के लिए चीन साझा चुनौती पेश कर रहा है। इस क्षेत्र के छोटे देशों जैसे मलेशिया, फिलीपीन्स, ब्रुनेई और ताइवान के अलावा वो जापान को भी आंखें दिखाने की कोशिश कर रहा है।